उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गया के विष्णुपद मंदिर में किया पिंडदान

गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और उनकी पत्नी सुदेश धनखड़ ने अपने पूर्वजों की आत्मा के मोक्ष के लिए शुक्रवार को यहां के एक मंदिर में 'पिंडदान' किया। धनखड़ ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और उनके मोक्ष के लिए जिले के विष्णुपद मंदिर में 'पिंडदान' और 'जल तर्पण' किया।
इससे पहले, उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी आज सुबह गया हवाई अड्डे पर पहुंचे, जहां बिहार के राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर, राज्य के कृषि मंत्री सर्वजीत और सांसद (गया) विजय मांझी ने उनका स्वागत किया। उपराष्ट्रपति को गया अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने पर औपचारिक ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया। विष्णुपद मंदिर में पिंडदान और तर्पण के बाद धनखड़ नालंदा विश्वविद्यालय जाएंगे।
उपराष्ट्रपति एक ओपन हाउस सत्र में नालंदा विश्वविद्यालय के छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत करेंगे। गया में शुक्रवार से शुरू हुए 'पितृ पक्ष' के दौरान 'पितृ' पूजा और 'पिंडदान' करना पुण्य का काम माना जाता है, माना जाता है कि जो लोग ऐसा करते हैं उन्हें 'पितृ दोष' से छुटकारा मिल जाता है तथा इन धार्मिक कार्यों को करने से उनके पितरों को जन्म-मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।
गया के विष्णुपद मंदिर में हर साल पितृ पक्ष मेले का आयोजन किया जाता है। हर साल दुनिया भर से बड़ी संख्या में हिंदू धर्म को मानने वाले लोग पितृ पक्ष के दौरान 'पिंडदान' करने के लिए यहां आते हैं।
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