बरेली: कुत्ते और बंदरों का हमला तेज, 30 फीसदी बढ़े मरीज

बरेली: कुत्ते और बंदरों का हमला तेज, 30 फीसदी बढ़े मरीज

बरेली, अमृत विचार। शहर में कुत्ते और बंदरों का आतंक बढ़ता जा रहा है। इनकी वजह से लोग छतों पर जाने से डरते हैं, बाजार में भी लोगों को निशाना बना रहे हैं। इनकी रोकथाम के लिए निगम व प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

300 बेड अस्पताल के एआरवी सेंटर में रोज कुत्ते, बंदर के साथ ही अन्य जानवरों के काटने के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। सोमवार को ओपीडी में आने वाले मरीजों से अधिक लंबी लाइन एआरवी वैक्सीन लगवाने वालों की होती है। आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी एआरवी लगवाने वालों की संख्या बढ़ी है।

क्या कहते हैं आंकड़े
आंकड़ों के अनुसार, एक साल में कुत्ते-बंदर और बिल्लियों के हमले में घायल हुए मरीज करीब 30 फीसदी अधिक हो गए हैं। बीते वर्ष अप्रैल से दिसंबर तक करीब 41 हजार मरीज थे, जबकि इस साल शुरूआती आठ माह में ही मरीजों की संख्या 52 हजार से अधिक हो गई है। बीते वर्ष 11 रेबीज ग्रसित मरीजों ने दम तोड़ा था। इसके बाद ही 300 बेड अस्पताल में शासन के निर्देश पर एंटी रेबीज क्लीनिक का संचालन शुरू किया गया। पर्याप्त एंटी रेबीज सीरम की सप्लाई नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है।

सीबीगंज में सबसे अधिक आंतक
वैसे तो पूरे जिले में कुत्ते बंदरों का आंतक हैं, लेकिन इस वर्ष सबसे अधिक कुत्ते काटने के मामले सीबीगंज में सामने आए हैं , यहां चार से अधिक बच्चों की मौत कुत्ते के काटने से हो चुकी है। वहीं कई गंभीर घायल हो चुके हैं।

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