Mahakumbh 2025: क्या विपक्ष को मिलेगा महाकुंभ का न्योता... गंगा की डुबकी पर सत्तापक्ष-विपक्ष में रार

Mahakumbh 2025: क्या विपक्ष को मिलेगा महाकुंभ का न्योता... गंगा की डुबकी पर सत्तापक्ष-विपक्ष में रार

अजय दयाल, लखनऊ, अमृत विचार: राममंदिर की तरह महाकुंभ पर भी सत्तापक्ष-विपक्ष इन दिनों आमने-सामने है। पहले रामलला के दर्शन को लेकर बहस छिड़ी थी इस बार मुद्दा गंगा में डुबकी लगाने का है। सवाल बड़ा यह है कि सनातन के इस सबसे बड़े आयोजन में पहुंच कर क्या विपक्षी दलों के नेतागण भी गंगा में डुबकी लगाना चाहेंगे? सवाल बड़ा यह भी क्या रामलला प्राण प्रतिष्ठा की तर्ज विपक्षी नेताओं को महाकुंभ का न्योता मिलेगा?

दरअसल, राजनीति के तहत विपक्ष जहां इस आयोजन को फिजूलखर्च बताने पर उतारू तो सत्तापक्ष इसे सनातन संस्कृति का अद्भुत उदाहरण करार दे रहा है। राजनीति तो राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर भी हुई थी। उस वक्त भाजपा ने विपक्ष को आमंत्रण देकर ऐसी गुगली फेंकी थी कि इंडिया गठबंधन के बहुत से साथियों के लिए ऊहापोह की स्थिति पैदा हो गई थी। इस बार भ्री स्थिति कुछ ऐसी ही है, इंडिया गठबंधन में शामिल तमाम पार्टियों ने जैसे मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए खुद को राम मंदिर आयोजन से दूर रखा तो क्या इस बार भी ऐसा होगा?

बहरहाल, जहां तक न्योता देने की बात है तो इस बार विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत तमाम लोगों को आमंत्रण पत्र देने पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। दरअसल, खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ न्योता लेकर बड़ी हस्तियों को आमंत्रित कर रहे हैं। ऐसे में विपक्ष की ओर से कहा गया कि महाकुंभ का न्योता नहीं दिया जाता बल्कि लोग अपनी आस्था और श्रद्धा की वजह से खुद प्रयागराज के महाकुंभ में भाग लेते हैं। हालांकि योगी आदित्यनाथ ने भी करारा जवाब दिया कि जिन लोगों ने हिंदू आस्था पर प्रहार करना ही अपने जीवन का उद्देश्य मान लिया हो, ऐसे लोगों को महत्व देना अनावश्यक है।

इस बीच समाजवादी पार्टी की ओर से तो दोहरा खेल खेला जा रहा है। एक ओर समर्थक जहां प्रयागराज महाकुंभ में सपा संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर खुद पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा नेताओं पर तंज कसते हैँ कि, कुछ लोग गंगा स्नान पुण्य करने जाते हैं, कुछ लोग दान करने जाते हैं और कुछ लोग अपने पाप धोने जाते हैं। हम लोग पुण्य के लिए जाएंगे और दान के लिए जाएंगे।

महाकुंभ को लेकर संतुलित बयान देते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने भी राजनीति साधी। कहा है कि यूपी में भी गरीबी बेरोजगारी और महंगाई आदि से त्रस्त लोग के हितों में सरकार को कुछ ऐसी योजनाओं को भी शुरू करना चाहिए जिससे कि गरीब युवाओं को राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि ऐसा किए जाने पर महाकुंभ इन गरीबों के लिए बहुत बड़ा उपहार होगा। वहीं प्रदेश कांगेस अध्यक्ष अजय राय का कहना है कि महाकुंभ आयोजन हजारों वर्ष की हमारी परंपरा है, इसमें निमंत्रण की कोई परंपरा नहीं रही है और इसकी जरूरत भी नहीं है। यह आस्था का विषय है, हम भी जाएंगे स्नान करेंगे।

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