शाहजहांपुर: बढ़ रहा मलेरिया बुखार का कहर, आंकड़ा 300 के पार

डेंगू बुखार का आंकड़ा 37, मेडिकल कॉलेज में ओपीडी में मरीज बढ़े

शाहजहांपुर: बढ़ रहा मलेरिया बुखार का कहर, आंकड़ा 300 के पार

फोटो- मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में डॉक्टरों के कक्ष के बाहर लगी मरीजों की भीड़।

शाहजहांपुर, अमृत विचार। मलेरिया और डेंगू बुखार का प्रकोप बढ़ता जा रहा है और थमने का नाम नहीं ले रहा है। मलेरिया बुखार के मरीजों का आंकड़ा आठ माह में तीन सौ के पार पहुंच गया। जबकि डेंगू बुखार के मरीजों का आंकड़ा 37 पहुंच गया है। इधर राजकीय मेडिकल कालेज में ओपीडी में बुखार और डेंगू के मरीजों की संख्या एक बार फिर बढ़ गयी है।

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स्वास्थ्य विभाग के अनुसार गुरुवार को मलेरिया बुखार के चार मरीज व डेंगू बुखार के तीन मरीज मिले। जनवरी से अब तक मलेरिया बुखार के मरीजों का आंकड़ा 304 और डेंगू बुखार का आंकड़ा 37 पहुंच गया। यह आंकड़े सरकारी अस्पताल के है। जबकि प्राइवेट अस्पताल में भी मलेरिया बुखार और डेंगू बुखार के मरीजों को इलाज चल रहा है।

शहर में फागिंग करायी जा रही है। लेकिन इसके बाद भी मलेरिया और डेंगू बुखार कम नहीं हो रहा है। इधर गांवों में फॉगिंग न होने से मलेरिया और डेंगू बुखार पांव पसार रहा है। सीएचसी और पीएचसी पर रोजाना तीन सौ मरीज आ रहे है। जबकि मलेरिया और डेंगू बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

इधर राजकीय मेडिकल कालेज की ओपीडी में रोजाना करीब 1900 पर्चे बन रहे है। डॉक्टरों के कक्ष और पर्चा काउंटर पर सुबह नौ बजे से भीड़ लग जाती है। डॉक्टरों के कक्ष के बाहर लगे मरीजों की नंबर दो-दो घंटे बाद नंबर आता है। बुखार के मरीजों की खून की जांच के लिए भी लंबी कतार लग जाती है।

एक दिन में तीन या चार सौ मरीजों के खून की जांच की जाती है। इधर ट्रामा सेंटर में भी बुखार के मरीज अधिक आ रहे है। करीब पांच सौ बेड होने के बाद भी बेड कम पड़ जाते है। वार्ड में बेड के लिए ट्रामा सेंटर में मरीजों को इंतजार करना पड़ता है। सीएमएस नेपाल सिंह ने बताया कि साधारण बुखार, मलेरिया बुखार और डेंगू बुखार के मरीज आ रहे है। दवाएं पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है। बेड खाली होने पर मरीजों को बेड दे दिया जाता है।

पर्चा काउंटर पर होती मारामारी
मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में पांच पर्चा काउंटर है, जो कंप्यूटर से पर्चे बनाए जाते है। लेकिन पर्चा काउंटर पर पुरुष और महिला मरीजों की अधिक भीड़ रहती है। मरीजों की कोई लाइन नहीं होती है। पहले पर्चा बनवाने के चक्कर में मरीज के तीमारदार आपस में भिड़ जाते है। जबकि पर्चा काउंटर को ओपीडी से बाहर या पर्चा काउंटर के बाहर स्टील के खंभे लगाने के विचार था, जिससे एक ही लाइन लग सकते है। लेकिन अभी तक यह कार्य नहीं हुआ है।

मलेरिया व डेंगू के मरीजों की संख्या में इधर गिरावट आयी है। टाइफाइड के मरीज मिल रहे हैं। जिस गांव में सूचना मिलती है, वहां पर कैंप लगाकर लोगों का स्वास्थ्य चेकअप किया जाता है। सीएचसी व पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि मरीजों को बेहतर से देखकर दवाएं दें---डॉ. आरके गौतम, सीएमओ।

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