मुरादाबाद : जेल प्रशासन ने तेज की बंदी रक्षकों के प्रशिक्षण की तैयारियां, लाठी से लेकर राइफल तक चलाने में होंगे दक्ष

बंदी रक्षकों के प्रशिक्षण के बाद हाेगी लिखित और मौखिक परीक्षा

मुरादाबाद : जेल प्रशासन ने तेज की बंदी रक्षकों के प्रशिक्षण की तैयारियां, लाठी से लेकर राइफल तक चलाने में होंगे दक्ष

मुरादाबाद, अमृत विचार। संपूर्णानंद कारागार प्रशिक्षण संस्थान ने नवनियुक्त बंदी रक्षकों को उनके प्रशिक्षण के संबंध में बड़ी राहत दी है। बंदी रक्षकों को 105 दिन में लाठी चलाने से लेकर राइफल तक चलाने में दक्ष किया जाएगा। जेल प्रशासन ने बंदी रक्षकों के प्रशिक्षण की तैयारियां तेज कर दी हैं। 

पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) एसके मैत्रेय ने इस मामले में जेल प्रशासन को निर्देश भी जारी कर दिए हैं। कहा गया है कि वर्ष 2019 में नियुक्त हुए 3638 बंदी रक्षकों को 105 दिन का प्रशिक्षण दिलाया जाना है। इस व्यावहारिक प्रशिक्षण के उपरांत बंदी रक्षकों की 50 अंक वाली लिखित और 100 अंक की मौखिक परीक्षा भी होगी। यदि ये लोग इस परीक्षा में फेल होते हैं तो इन्हें छह महीने का पुन: प्रशिक्षण लेना होगा। इस मामले में कार्रवाई करते हुए मुरादाबाद जेल अधीक्षक ने बंदी रक्षकों के प्रशिक्षण के संबंध में तैयारी शुरू कर दी है। जेलर विजय गुप्ता को नोडल अधिकारी और डिप्टी जेलर अनुज को सहायक नामित किया है। बंदी रक्षकों काे लाठी-डंडा चलाना और फायरिंग के संबंध में पुलिस लाइन में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके अलावा जेल की कार्यशैली व अन्य व्यावहारिक प्रशिक्षण उन्हें कारागार में ही दिया जाएगा। 

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में उन्हीं नवनियुक्त बंदी रक्षकों को शामिल किया जा रहा है जो पूर्व में 45 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इस मामले में पुलिस महानिरीक्षक (कारागार) की तरफ से 15 सितंबर को जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशिक्षण में दूसरी बार असफल होने वाले बंदी रक्षकों को फिर से छह महीने का प्रशिक्षण लेना होगा। बंदी रक्षकों को कारागार में निरुद्ध होने वाले बंदियों के स्वास्थ्य एवं प्राथमिक चिकित्सा से भी संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही प्रशिक्षण के बीच उन्हें आत्मरक्षा के गुर भी सीखने को मिलेंगे। कारागार में सुरक्षा के लिए उपलब्ध सीसीटीवी कैमरा, जैमर, वीडियो कांफ्रेंसिंग, मैटल डिटेक्टर, वॉकी-टाॅकी, ड्रोन, बॉडी वॉर्न कैमरा, संचार से संबंधित उपकरणों के संचालन भी बंदी रक्षकों को दिया जाएगा।

कंप्यूटर व सीसीटीवी कैमरों का संचालन भी सीखेंगे
वरिष्ठ जेल अधीक्षक पवन प्रताप सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण से संबंधित नवनियुक्त बंदी रक्षकों संख्या जिला कारागार में 35 है। कारागार की कार्यशैली की जानकारी के साथ ही परेड व ड्रिल कराई जाएगी। कंप्यूटर चलाना सिखाया जाएगा। सीसीटीवी कैमरों का संचालन कैसे करना है और उनमें रिकॉर्ड डाटा को कैसे सुरक्षित करना और जांचना है इसमें भी उन्हें दक्ष किया जाएगा। इस बीच में बंदी रक्षकों की ड्यूटी भी चलती रहेगी।

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