शाहजहांपुर: मलेरिया के नौ और डेंगू के मिले दो मरीज, शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में अधिक

शाहजहांपुर: मलेरिया के नौ और डेंगू के मिले दो मरीज, शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र में अधिक

शाहजहांपुर, अमृत विचा। जिले में बुखार, मलेरिया बुखार व डेंगू बुखार कुछ थम रहा है। मेडिकल कालेज में चार दिन पहले जिस तरह मरीज आ रहे थे, अब मरीजों की संख्या में कमी हुई है। सीएमओ की कड़ाई से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को भर्ती के उपचार किया जा रहा है। अब मेडिकल कालेज की अपेक्षा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों की संख्या बढ़ गई है।

राजकीय मेडिकल कालेज में चार दिन पहले ओपीडी में 1900 पर्चे एक दिन में बनते थे और ट्रामा सेंटर में मरीज चौबीस घंटे में 180 भर्ती होते थे। अधिकांश मरीज बुखार, मलेरिया और डेंगू बुखार के होते थे। ट्रामा सेंटर में एक बेड पर दो-दो मरीजों को इलाज किया जाता था। वार्ड में बेड के लिए कई घंटे इंतजार करना पड़ता था। ओपीडी में डाक्टरों के कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी रहती थी। लेकिन इधर दो दिन से मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या घटी है। 

शनिवार को ओपीडी में 1540 पर्चे बने है, चौबीस घंटे में 142 मरीज भर्ती हुए और 152 डिस्चार्ज हुए है। इधर शनिवार को मलेरिया बुखार के तिलहर, भावखेड़ा, कांट में नौ मरीज मिले है। जबकि डेंगू बुखार के शहर में एक और एक कांट में मरीज मिला है। दो दिन से मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या में कमी आई। ट्रामा सेंटर में जहां मरीजों की मारा-मारी होती थी, शनिवार को ट्रामा सेंटर में बेड खाली पड़े थे। अन्य दिनों की अपेक्षा भीड़ कम हो रही है। 

शहर की अपेक्षा ग्रामीणों क्षेत्रों में मलेरिया बुखार, वायरल बुखार, डेंगू अधिक है। नगर पालिका परिषद व पंचायत राजअधिकारी द्वारा फागिंग नहीं करायी जा रही है।  इसके अलावा सीएमओ आरके गौतम ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षक किया था और प्रभारी चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए थे कि बुखार के मरीजों को मेडिकल कालेज के लिए रेफर न किया जाए। जो सीरियस मरीज है, उसे भर्ती किया जाए तथा साधारण बुखार के मरीजों को दवा दी जाए। मरीजों का बेहतर से बेहतर इलाज किया जाए। किसी प्रकार की लापरवाही नहीं की जाए। अब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो पर बुखार के मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।

मेडिकल कालेज में मरीजों की संख्या में कमी है। अन्य दिनों की अपेक्षा ओपीडी में पर्चे कम और ट्रामा सेंटर में भी मरीज कम भर्ती हुए है। मरीजों का बेहरत इलाज किया जा रहा है। बेड खाली होने पर मरीज को तुरंत दे दिया जाता है। अस्पताल में दवाएं पर्याप्त मात्रा में है---डॉ. राजेश कुमार, प्राचार्य मेडिकल कालेज।

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