मैं खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहा था, नीरज चोपड़ा से नहीं : अरशद नदीम 

मैं खुद से प्रतिस्पर्धा कर रहा था, नीरज चोपड़ा से नहीं : अरशद नदीम 

लाहौर। पाकिस्तान के विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भाला फेंक एथलीट अरशद नदीम स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा को अपना मुख्य प्रतिद्वंद्वी नहीं समझते और उनका कहना है कि वह खुद से ही प्रतिस्पर्धा करते हैं। नदीम हंगरी के बुडापेस्ट में विश्व एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के लिए पदक जीतने वाले पहले एथलीट बने जबकि ओलंपिक चैम्पियन चोपड़ा ने इसमें स्वर्ण पदक जीता।

यह पूछने पर क्या चोपड़ा विश्व चैम्पियनशिप में उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी थे तो नदीम ने कहा, ‘‘नहीं। मैं अरशद नदीम के लिए खुद ही एकमात्र प्रतिस्पर्धी हूं। मैं किसी के खिलाफ भी प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा था। ’’ चोपड़ा ने 88.17 मीटर के थ्रो से स्वर्ण पदक जीता जबकि मौजूदा राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता नदीम ने 87.82 मीटर के सत्र के सर्वश्रेष्ठ थ्रो से रजत पदक अपने नाम किया। नदीम ने कहा कि वह चोपड़ा के स्वर्ण पदक जीतने से खुश थे।

उन्होंने ‘बीबीसी’ से कहा, ‘‘विश्व स्तर पर दो एशियाई एथलीट पहले और दूसरे स्थान पर रहे। नीरज भाई ने स्वर्ण पदक जीता जिससे मैं बहुत खुश हूं। कभी कभार वह स्वर्ण पदक जीतेगा तो कभी कभार मैं जीतूंगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2016 में दक्षिण एशियाई खेलों के लिए भारत के गुवाहाटी गया था और वहां मैंने कांस्य पदक जीता था। नीरज को तब स्वर्ण पदक मिला था। मैंने राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी तोड़ा था। हम दोनों साथ में काफी प्रतिस्पर्धायें खेल चुके हैं तो हम दोस्त बन गये हैं और यह मित्रता मजबूत हो चुकी है। ’’ चोपड़ा की मां ने अपने बेटे के ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने पर नदीम के लिए इसी तरह की बातें की थीं।

नदीम ने कहा, ‘‘इस तरह की सोच इंसान को आगे बढ़ाती है। सोशल मीडिया पर काफी बातें होती हैं कि भारत ने ये किया, पाकिस्तान से वो किया। लेकिन इस तरह की सकारात्मक सोच इंसान को करीब लाती है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं चोपड़ा के माता पिता और पूरे देश को बधाई देता हूं। ’’ विश्व चैम्पियनशिप के बाद सभी तीनों पदक विजेताओं की फोटो में नदीम पाकिस्तान के झंडे के बिना थे और यह फोटो वायरल हो गयी।

इसके बारे में पूछने पर नदीम ने कहा, ‘‘स्पर्धा खत्म होने के बाद मैं वहां बैठकर अपनी चीजें बैग में रख रहा था। मैंने सोचा कि ये सब बैग में रखकर झंडा लूंगा। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तानी झंडा वहां था लेकिन मुझे थोड़ी देर हो गयी। झंडा थोड़ा दूर था। जब मैं उसके (पदक विजेताओं) करीब पहुंचा तो मैंने उसके साथ फोटो खिंचवायी। इसके बाद मैंने झंडा लिया और स्टेडियम के चारों ओर चक्कर लगाया। 

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