अयोध्या : बाढ़ प्रभावित गांवों के लिए संकट बना सरयू का घटता - बढ़ता जलस्तर, कटान लगातार जारी
दस दिनों में दो बार घटा और बढ़ा जलस्तर, विशेषज्ञ भी है हैरान
अयोध्या, अमृत विचार। इस बार सरयू नदी का घटता और बढ़ता जलस्तर बाढ़ से घिरे गांवों के लिए संकट बना हुआ है। दस दिनों में तीन बार घटे और बढ़े जलस्तर के चलते प्रभावित गांवों में लोगों की दुश्वारियां कम नहीं हो रही हैं। जलस्तर बढ़ने से जहां गांवों में पानी पहुंच जाता है वहीं घटने के कारण कटान में तेजी आ जाती है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में बीमारियों का प्रकोप अलग फैल रहा है। तीखी धूप और गर्मी से डायरिया और बुखार के पीड़ितों की संख्या बढ़ रही है।
इस बार बैराजों से पानी छोड़े जाने और पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण अजब हालात बने हुए हैं। 17 अगस्त को सरयू नदी जहां खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी थी और जलस्तर 93.220 दर्ज किया गया था वहीं शाम सात बजे अचानक घट कर 93.170 पर पहुंच गई। 18 अगस्त शुक्रवार को नदी और घटी तथा जलस्तर 93.010 मापा गया। जबकि इससे पहले नौ अगस्त को 92.760 जलस्तर दर्ज किया गया था। उसके बाद जलस्तर 92.800 हुआ जिससे नदी सात सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। दस अगस्त को जलस्तर 92.880 पहुंच गया और नदी 15 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। दस अगस्त को 92.900 पहुँचे जलस्तर ने नदी को 17 सेंटीमीटर ऊपर कर दिया और तीनों तहसीलों रुदौली, सदर व सोहावल के कुल 25 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए।
13 अगस्त को जलस्तर घट कर 92.640 हुआ तो बाढ़ का खतरा कुछ कम हुआ। 14 को भी जलस्तर खतरे के निशान से नीचे ठहरा रहा लेकिन इसके बाद 15 अगस्त को फिर नदी उफनाई और जलस्तर 92.910 हो गया। 16 को 93.170 मापा गया तो नदी खतरे के निशान से 44 सेंटीमीटर ऊपर हो गई। अब 17 अगस्त की शाम से नदी का जलस्तर फिर घटना शुरू हुआ है। केन्द्रीय जल आयोग के अनुसार जलस्तर घटने और बढ़ने से दिक्कतें आ रही है। नदी स्थिर नहीं हो रही है और नदी का करेंट भी जस का तस बना हुआ है। आयोग के अनुसार यदि इस बार फिर घट कर नदी बढ़ती है तो बाढ़ से घिर चुके गांवों में तमाम दुश्वारियां उत्पन्न हो जायेगी। जिला आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक सभी प्रभावित इलाकों में लगातार निगरानी जारी है।
पूराबाजार के गांवों में कटान बरकरार, रुदौली में भी नहीं लौटा बाढ़ का पानी
सदर तहसील के पूराबाजार ब्लाक के प्रभावित बीस गांवों और 38 से अधिक मजरों में अभी भी संकट जस का तस है ।बलुइया मांझा में कटान का दायरा बढ़ गया है तो अन्य गांवों में पानी प्रवेश कर जाने से लोगों को पलायन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। मदरहिवा में राम सुंदर, कोमल निषाद, राहुल निषाद, का घर कटान से नदी में समा गया और रामफूल, चंद्रावती, अशोक कुमार, बृजभान, सुनील का घर कट रहा है। रामपुर पुआरी माझा के लेखपाल सौरभ पांडे ने बताया कि गांव से निकलने के लिए 8 नाव लगाई गई और साथ बाढ़ पीड़ित परिवारों को पानी का वितरण किया गया है। बलुइया माझा में भी कटान तेज है। वहीं हरीराम,निर्मल ,अजय आदि का घर कटान के कगार पर है। गांव के चारों तरफ बाढ़ का पानी है। प्रशासनिक स्तर पर केवल नाव की व्यवस्था की गई है बाकी सब राम भरोसे है।
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