पूर्व पीएम का परिवार दर्शन को पहुंचा अयोध्या, कहा- श्रद्धेय अटल भाजपा के भीष्म पितामह थे

अयोध्या, अमृत विचार। देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी का परिवार गुरुवार को अयोध्या पहुंचा और सभी ने यहां दर्शन-पूजन किया। परिवार ने कहा कि श्रद्धेय अटल भाजपा के भीष्म पितामह थे और उन्होंने लोगों के दिल और मन पर राज किया। यही कारण है कि दूसरी पीढ़ी जिन्होंने उनको देखा नहीं केवल अपने परिजनों और बुजुर्गों से उनके बारे में केवल सुना, वह भी सम्मान और प्यार दे रहे है।
दरअसल स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की पांचवी पुण्यतिथि पर बुधवार को बलरामपुर जिले में आयोजित कार्यक्रम में उनके परिवार के लोगों को अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। पुण्यतिथि कार्यक्रम में शिरकत के बाद पूर्व पीएम अटल की भतीजी माला वाजपेयी, उनके दामाद नरेंद्रवाजपेयी, पोता अमित तिवारी, नातिन डा प्राची शुक्ल और नाती अभिषेक तिवारी अयोध्या पहुंचे और रामजन्मभूमि परिसर जाकर रामलला व हनुमानगढ़ी में दर्शन-पूजन किया तथा अयोध्या के भाजपा के उस दौर के साधु-संतो से मुलाकात की तथा नारायण मंदिर पहुंच प्रसाद ग्रहण किया।
सर्किट हॉउस में मीडिया से मुलाकत में डा प्राची शुक्ल ने कहा कि अटल लोगों के मन पर राज करने वाले थे, और अभी भी लोगों के दिल और मन पर राज कर रहे हैं। यही कारण है कि अटल के पहले चुनावी क्षेत्र में आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में प्रदेश समेत कई प्रदेशों के तमाम लोगों ने शिरकत की।
उन्होंने कहा कि वह भाजपा के भीष्म पितामह रहे। आज की पीढ़ी के लोग जिन्होंने अटल को देखा नहीं, उनके बारे में केवल जाना और सुना है, वह भी पूरा सम्मान और प्यार दे रहे हैं। डा प्राची ने अटल की पंक्ति 'हे प्रभु मुझे इतनी ऊंचाई न दे कि गैरों को गले लगा न सकूं" को दोहराया और समाज में प्यार-मोहब्बत का संदेश दिया।
राममंदिर के सवाल पर उन्होंने कहा कि लोगों, संतों और नेताओं की तपस्या आज साकार हो रही है, जो सभी को ख़ुशी देने वाली है। उधर अभिषेक तिवारी ने कहा कि नाना (अटल) ने पार्टी और देश की मजबूती का जो सपना देखा था, उसका बाकी काम वर्तमान मोदी सरकार पूरा कर रही है।
पार्टी की रीति-नीति और विचारधारा में कोई बदलाव नहीं दिख रहा, पार्टी आज भी अटल के संकल्प और सपनों को पूरा करने में जुटी है। अटल हर दिन याद किये जाते हैं और पार्टी कार्यकर्ता उनको पितातुल्य मानते हैं। उन्होंने कहा कि रामलला का दर्शन करते हुए पूर्व का सपना साकार होता दिखा, जिससे मन प्रफुल्लित हुआ।
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