हल्द्वानी: मसालों की कीमतों में उछाल से किराना बाजार में छाया सन्नाटा

जीरे के रेट 1 माह में बढ़े 1.5 गुना से अधिक, 650 रुपये में बिकने वाली काली मिर्च पहुंची 800 रुपये प्रति किलो

हल्द्वानी: मसालों की कीमतों में उछाल से किराना बाजार में छाया सन्नाटा

बरसात के कारण पहाड़ से हल्द्वानी नहीं आ रहे हैं रिटेल खरीददार

हल्द्वानी, अमृत विचार। इन दिनों बाजार में रोजाना की जरूरतों के लिए उपयोग होने वाली खाद्य सामग्रियों की बिक्री में गिरावट देखने को मिल रही है। खासकर मसालों की कीमतों में उछाल आने से इनकी मांग में कमी आई है। दूसरी तरफ पहाड़ों में भी भारी बारिश होने से राशन और मसालों के रिटेल व्यापारी भी हल्द्वानी नहीं आ रहे हैं। इससे शहर के किराना बाजार में एक तरह का सन्नाटा सा छाया हुआ है।

किराना व्यापार मंडल के मंडलीय महामंत्री डॉ. प्रमोद गोल्डी अग्रवाल ने बताया कि किराना लाइन में मसालों में तेजी आई है लेकिन उठान अपेक्षाकृत काफी कम है। साथ ही सीजन में शादी और अन्य शुभ कार्य न होने के कारण भी बाजार में मांग में भारी गिरावट है। सबसे अधिक उछाल जीरे की कीमतों में देखने को मिली है।

एक माह पहले जीरा 500-550 रुपये प्रति किलो था जो बढ़कर 700-750 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है। पिछले महीने 650 रुपये प्रति किलो बिकने वाली काली मिर्च अब 800 रुपये  प्रति किलो पहुंच गई है। वहीं 2 माह पहले मिर्च 200-225 रुपये प्रति किलो बिक रही थी, जो बढ़कर 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई।

किराना व्यापार मंडल के मंडलीय महामंत्री डॉ.  प्रमोद अग्रवाल गोल्डी ने बताया कि टमाटर के विकल्प के रूप में उपभोक्ता टमाटर की प्यूरी का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 1 किलो का टिन प्रयोग कर रहे हैं, 125 रुपए प्रति टिन उपभोक्ता मूल्य वाला टमाटर की प्यूरी का पैक, डॉ. प्रमोद गोल्डी के प्रतिष्ठान में  उपभोक्ताओं के लिए 75 रुपए प्रति किलो में उपलब्ध है।

 जीरे में तेजी का असर सौंफ पर भी पड़ा है। वर्तमान में आम के अचार का सीजन होने के चलते सौंफ की मांग भी बढ़ गई है। इसके विकल्प के तौर पर कई लोग तड़का लगाने के लिए सौंफ का उपयोग भी कर रहे हैं।
जीरा, धनिया, हल्दी और मिर्च का कोई विकल्प मौजूद नहीं है इस कारण इनकी जरूरतों को नकारा नहीं जा सकता है। मिर्च की सप्लाई बिहार से होती है, बाढ़ के कारण इसकी सप्लाई भी प्रभावित हुई है।  - अरविंद जायसवाल, किराना व्यापारी 

बरसात के कारण जीरे की आवक नहीं हो रही है। रिटेल के छोटे दुकानदारों के कारोबार में मंदी आई है। गुजरात से सबसे ज्यादा जीरे की आवक होती है। बाढ़ के कारण वहां से सप्लाई प्रभावित हुई है। काली मिर्च के रेट में भी वृद्धि हुई है। कालीमिर्च दक्षिण भारत से मंगाई जाती है। इसकी सप्लाई भी प्रभावित होने से कीमतों में बढ़ोत्तरी हुई है जबकि मांग में कमी आई है। साथ ही अचार बनाने में सौंफ का इस्तेमाल किया जाता है जिससे इसकी मांग बढ़ी है। -अनिल जायसवाल, किराना व्यापारी  


मसाले        वर्तमान       1 माह पहले
धनिया         200              140
मिर्च            250-300       200-225 
जीरा           700-750       500-550
हल्दी           160-200       140
काली मिर्च    800              650-700
सौंफ            450              300
          

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