प्रयागराज : कौशांबी के चायल से सपा विधायक पूजा पाल थाम सकती हैं भाजपा का दामन

प्रयागराज : कौशांबी के चायल से सपा विधायक पूजा पाल थाम सकती हैं भाजपा का दामन

अमृत विचार, प्रयागराज । कौशाम्बी जिले के चायल सीट से सपा विधायक पूजा पाल के अब भाजपा में शामिल होने की  सुगबुगाहट तेज हो गई है। बहुजन समाज पार्टी से सपा में शामिल होकर विधायक बनने वाली पूजा पाल अब भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने को आतुर हैं। चर्चा यह भी है कि पूजा पाल के साथ-साथ इंद्रजीत सरोज भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है।

लोकसभा चुनाव को देखते हुए अब राजनीति करवट बदलने लगी है। 2024 से पहले पार्टी अपनी मजबूती के लिए मजबूत विधायकों को अपने खेमें में करना शुरू कर दिया है। उधर दारा सिंह के एक बार फिर से पार्टी में आने के बाद राजनीती गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी के दो और कद्दावर विधायकों को तोड़ने में लगी हुई है। समाजवादी पार्टी के दो विधायक भाजपा में शामिल होने की तैयारी में है।

सूत्रों के मुताबिक कौशांबी के चायल से समाजवादी पार्टी की विधायक पूजा पाल भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकती हैं। वहीं सपा विधायक इंद्रजीत सरोज को भी लेकर चर्चा तेज चल रही है। कहा जा रहा है कि दोनों विधायकों को भाजपा में शामिल कराने से सपा को लोकसभा में कहीं ना कहीं मात खानी पड़ेगी, क्योंकि दोनों चेहरे सपा के दमदार चेहरे माने जा रहे हैं।

शादी के नौ दिन बाद हुयी थी पति की हत्या

पूजा पाल कौशांबी चायल से समाजवादी पार्टी की विधायक हैं। पूजा पाल का मकान कटघर मोहल्ले में है। इनकी पढ़ाई लिखाई यहीं से हुई। 16 जनवरी 2005 को पूजा पाल की शादी बसपा नेता राजू पाल के साथ की गई। राजू पाल उस समय इलाहाबाद पश्चिमी से बहुजन समाज पार्टी के विधायक चुने गए थे। शादी के बाद से ही पूजा पाल अपने ससुराल धूमनगंज के उमरपुर नींवा गांव में रह रही थीं। राजू पाल के विधायक बनने के बाद ही खतरा बढ़ने लगा था। शादी के मात्र 9 दिन बाद ही राजू पाल की हत्या कर दी गई। मामले में माफिया अतीक अहमद और उसके गैंग के शामिल होने के बाद इस घटना को अंजाम दिया गया था। हालांकि पूजा पाल पति के हत्यारों को सजा दिलाने के साथ-साथ राजनीति कैरियर में भी अपनी जोर आजमाइश करते हुए आज इस मुकाम पर पहुंच गई।

बसपा से शुरु किया था सफर

राजू पाल की हत्या के बाद 2005 के उपचुनाव में पूजा पाल को बहुजन समाज पार्टी ने उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह चुनाव हार गई थी। 2007 के विधानसभा चुनाव में पूजा पहली बार इलाहाबाद पश्चिमी सीट से विधायक बनीं और उन्होंने जीत हासिल की थी। 2017 में भी भारतीय जनता पार्टी के चुनाव लड़ रहे सिद्धार्थ नाथ सिंह को पूजा पाल ने कांटे की टक्कर दी थी, लेकिन पूजा पाल को हार का सामना करना पड़ा और सिद्धार्थ नाथ सिंह चुनाव जीत गए थे। इसी के बाद 2022 में पूजा पाल ने सपा ज्वाइन किया और चावल सीट से दावेदारी की जिसके बाद वहां से उन्होंने जीत दर्ज कराई और विधायक बन गई।

पाल समाज में पूजा पाल की अच्छी पकड़

सपा विधायक पूजा पाल के भाजपा में शामिल होने की चर्चा तेज हो गई है माना जा रहा है कि सपा विधायक पूजा पाल समाज के बीच अपने आप को बेहतरीन तरीके से खड़ा किया है प्रयागराज और उसके आस-पास के इलाकों में पूजा पाल के समर्थक काफी संख्या में हैं, भारतीय जनता पार्टी पूजा पाल को भाजपा में शामिल कराने का प्रयास कर रही है। माना जा रहा है कि पाल समाज के लिए पूजा पाल एक बड़ा चेहरा हैं और साथ ही साथ समाजवादी पार्टी में कद्दावर नेता भी हैं

सिर्फ लालच में भाजपा का दामन थाम रहीं पूजा पाल : बब्बन दूबे

फूल समझा था गले का हार बनाने को, वहीं अब नाग बन बैठा गला काट खाने को। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता बब्बन दूबे ने कहा सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पूजा पाल को गले का हार समझे थे, लेकिन वह नाग निकलीं। बसपा से निकाले जाने के बाद किसी पार्टी ने सहारा नहीं दिया। सपा ने साथ देते हुए चायल सीट से टिकट देकर चुनाव लड़ाया, विधायक बनने के बाद फिर पार्टी बदलने की फिराक में हैं।

उन्होंने कहा कि सिर्फ लालच और स्वार्थ के लिए पार्टी छोड़कर जा रही हैं। जबकि भाजपा लोगों का दोहन कर रही है। अन्य पार्टी छोड़कर जाने वाले नेताओं की भाजपा में क्या इज्जत है यह सब जानते है। पूजा पाल को भी भाजपा शामिल करने के बाद एहसास होगा कि हम कहा से कहा आ गये। उन्होंने कहा भाजपा को टक्कर देने वाली अगर कोई पार्टी है तो सिर्फ समाजवादी पार्टी ही है और रहेगी।

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