संभल: चन्दौसी में अलीगढ़ की कचौड़ी को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
नगर में चार दिन से एक हलवाई की दुकान पर ग्राहकों को परोसी जा रही अलीगढ़ की कचौड़ी, दुकानदार उठा रहा सवाल, चन्दौसी की अलग पहचान तो दूसरे शहर का नाम यहां क्यों कर रहे रोशन

चन्दौसी, अमृत विचार। लजीज भोजन को लेकर चन्दौसी नगरी की अपनी अलग पहचान है। मिठाई, गजक, रेबड़ी, खस्ता कचौड़ी और दाल-चना को लेकर शहरों में चन्दौसी की पहचान है। इस बीच नगर में एक प्रसिद्ध हलवाई की दुकान पर अलीगढ़ की कचौड़ी की बिक्री होने पर सोशल मीडिया पर लोगों में बहस छिड़ी हुई है, जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
शहर में ठेले, खोमचे और खस्ता कचौड़ी की दुकान पर नाश्ता करने का रिवाज बन गया है। अधिकांश व्यापारी अपनी दुकान की चाबी लेकर दुकान पर जाने के लिए घर से निकलते हैं और नाश्ता बाजार में करते हैं। क्योंकि यहां सुबह में खस्ता-कचौड़ी, जलेबी, छोले भठूरे, दाल-चना के ठेले, खोमचे लगते हैं। हलवाई की दुकानों पर भी बिक्री की जाती है। नगर की गजक-रेबड़ी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है।
इसी बीच चार दिन से ब्रह्म बाजार स्थित हलवाई की एक प्रसिद्ध दुकान में अलीगढ़ के नाम पर वहां की कचौड़ी बेची जा रही हैं। अलीगढ़ की कचौड़ी का जायका लेने के लिए दुकान पर भीड़ जुट रही है। दो दिन पूर्व ब्रह्म बाजार के ही एक हिंदूवादी नेता ने दुकान पर अलीगढ़ की कचौड़ी की बिक्री को लेकर वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर वायरल किया था।
इस पर शहर के लोग कचौड़ी का जायका बेहतर होने पर कमेंट करने लगे। इसे लेकर स्टेशन रोड के एक दूसरे हलवाई ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट वायरल की। इसमें लिखा गया कि आजकल चन्दौसी में एक नया ट्रेड चल रहा है, अलीगढ़ की कचौड़ी??, मेरे शहर की कोई पहचान नहीं है क्या, हम अन्य लोगों की नकल करते रहेंगे क्या आदि। इसी संदेश पर सोशल मीडिया लोगों में बहस छिड़ गई। अन्य दुकानदार और नागरिक भी विवाद में कूद गए और ब्रह्म बाजार के हलवाई के पक्ष में कमेंट करने लगे। इससे मामला शहर में सुर्खियों में आ गया है।
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