बरेली: विधायक जी! किसका इंतजार है... खोलिए मुट्ठी
महीने से ज्यादा समय गुजरा विधायक निधि की पहली किस्त मिले हुए, चार विधायकों ने नहीं एक भी पैसे का प्रस्ताव
महीपाल गंगवार/बरेली, अमृत विचार। विधायकों के पास फरियादों की कमी नहीं है। कहीं तमाम सालों से कोई सड़क टूटी पड़ी है तो कहीं नाली की जरूरत है। कहीं तो पीने के पानी के लिए भी पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। इतने सारे काम होने हैं कि होना तो यह चाहिए था कि विधायक निधि आते ही आननफानन प्रस्ताव भेज दिए जाते लेकिन जिले के ज्यादातर विधायक डेढ़ करोड़ की पहली किस्त महीने भर से अपनी मुट्ठी में ही बंद किए बैठे हैं।
भाजपा के चार विधायकों ने अब तक एक भी पैसे का प्रस्ताव नहीं भेजा है। इनमें मंत्री धर्मपाल सिंह के साथ बात-बात में अटकी परियोजनाओं के लिए शासन से बजट दिलाने की जिम्मेदारी लेने वाले भी एक विधायक शामिल हैं। भाजपा के बाकी तीन विधायकों के भी नाममात्र की ही धनराशि के प्रस्ताव डीआरडीए के पास पहुंचे हैं। सपा के अकेले शहजिल इस्लाम ऐसे विधायक हैं जिन्होंने पहली किस्त आते ही करीब 65 फीसदी धनराशि के प्रस्ताव दे दिए हैं।
इन विधायकों का कोई प्रस्ताव नहीं
फरीदपुर के विधायक प्रो. श्याम बिहारी लाल, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा और आंवला विधायक व कैबिनेट मंत्री धर्मपाल सिंह की ओर से अब तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।
10 फीसदी राशि के भी नहीं सारे विधायकों के
प्रस्ताव, अकेले शहजिल का 70 फीसदी हिस्सा
वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित 11 लाख का एक ही प्रस्ताव भेजा है। विधायक डॉ. एमपी आर्या ने 26.55 लाख रुपये कीमत के सोलर लाइट के दो प्रस्ताव, डॉ. डीसी वर्मा ने फर्नीचर के लिए दो लाख रुपये दिए हैं। अताउर्रहमान के भी सोलर लाइट के लिए 11.18 लाख के प्रस्ताव हैं। शहजिल इस्लाम ने छह सीसी रोड और एक सोलर लाइट का 98.37 लाख का प्रस्ताव भेजा है। जिले के नौ विधायकों को पहली किस्त में कुल 13.5 करोड़ मिले हैं। अब तक भेजे गए सारे प्रस्ताव 1.38 करोड़ के हैं। इनमें करीब एक करोड़ यानी 70 फीसदी रकम के प्रस्ताव अकेले शहजिल इस्लाम के हैं।
दो करोड़ बढ़ गए हैं विधायक निधि में
विधायक अपनी निधि से विकास कार्यों के प्रस्ताव डीआरडीए विभाग को भेजते हैं जिसके बाद उन पर काम होता है। विधायक निधि के रूप में अब तक तीन करोड़ रुपये मिलते थे जो इस बार पांच करोड़ कर दिए गए हैं। दो करोड़ रुपये बढ़ने के बाद भी विधायक कोई तेजी नहीं दिखा रहे हैं। भाजपा के जिन माननीयों ने प्रस्ताव नहीं भेजे हैं उनमें पशुपालन मंत्री समेत चार विधायक शामिल हैं। जिले में नौ विधायक हैं, जिनमें सात भाजपा और दो सपा के हैं।
छह साल में हुई तीन गुनी
2017 में विधायक निधि सिर्फ डेढ़ करोड़ रुपये थी। 2019 से 2021 तक दो करोड़ हुई, इसके बाद तीन करोड़ और अब पांच करोड़ हो गई है।
हैंडपंप जरूरत, मगर कई विधायकों की दिलचस्पी फर्नीचर और सोलर लाइट में
विधायक निधि से सड़क नालियों के साथ सबसे ज्यादा मांग हैंडपंप लगवाने की रहती थी, लेकिन पिछले कुछ सालों में इस पैसे से हैंडपंप नहीं लगवाए जा रहे हैं। कहा जा रहा है कि सरकार की ओर से नए हैंडपंप लगवाने के लिए कई नियम लागू कर देने के बाद इससे हाथ खींच लिया गया। विधायकों की दिलचस्पी अब फर्नीचर और सोलर लाइटों में ज्यादा है।
शासन से विधायक निधि की पहली किस्त प्राप्त हो चुकी है। सभी विधायकों को पत्र लिखकर विकास कार्यों के प्रस्ताव मांगे गए हैं। कुछ ने प्रस्ताव दिए हैं। सूचना संकलित होने के बाद संबंधित विभागों में कार्ययोजना तैयार की जाएगी- तेजवंत सिंह, पीडी डीआरडीए।
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