Kanpur: दिमाग से जुड़ी समस्याओं के राज तलाशेगा IIT, छात्र-छात्राएं न्यूरो साइंस के क्षेत्र में कई तरह के शोध कर सकेंगे
कानपुर आईआईटी दिमाग से जुड़ी समस्याओं के राज तलाशेगा।
कानपुर आईआईटी दिमाग से जुड़ी समस्याओं के राज तलाशेगा। पूर्व आईआईटियन की याद में उनकी पत्नी ने संस्थान को पांच करोड़ रुपये दिए।
कानपुर, अमृत विचार। आईआईटी कानपुर दिमाग से जुड़ी समस्याओं के राज तलाशेगा। यहां के छात्र-छात्राएं न्यूरो साइंस के क्षेत्र में कई तरह के शोध कार्य कर सकेंगे। उनके लिए संस्थान में जय पुल्लुर नॉन-इनवेसिव ब्रेन स्टिमुलेशन लेबोरेटरी और जय पुल्लुर वाचनालय खुल गया है। यह सब पूर्व आईआईटियन जय पुल्लुर की स्मृति में उनकी पत्नी निर्मला की ओर से आईआईटी को दिए गए पांच करोड़ रुपये के सहयोग से संभव होगा।
इस राशि से एन्डाउमेंट फंड स्थापित किया गया है, जिसकी छात्रवृत्ति अनुसंधान के उपयोग में लाई जाएगी। इस अवसर पर ऑडिटोरियम में समारोह आयोजित किया गया, जिसमें पूर्व आईआईटियन का परिवार भी शामिल हुआ। निदेशक प्रो. अभय करंदीकर, प्रो. कांतेश ब्लानी, प्रो. एचआर हरिश समेत अन्य फैकल्टी ने सहयोग के लिए जय पुल्लुर के परिजनों का धन्यवाद किया।
स्वर्गीय जय पुल्लुर ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर से इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद 1987 में आईआईटी कानपुर से कंप्यूटर साइंस से एमटेक किया। उन्होंने 1998 में हैदराबाद में भाई विजय पुल्लुर के साथ प्रमाती टेक्नोलॉजीज की स्थापना की। इससे पूर्व कई नामी कंपनियों में कार्य किया। आईटी क्षेत्र में उनका अमूल्य योगदान रहा।
संस्थान में शनिवार को इस संबंध में समारोह का आयोजन किया गया। पत्नी और अन्य पारिवारिक सदस्यों ने काग्निटिव साइंस में 'जय पुल्लुर नॉन-इनवेसिव ब्रेन स्टिमुलेशन लेबोरेटरी' और पीके केलकर लाइब्रेरी में 'जय पुल्लुर वाचनालय' का उद्घाटन किया। प्रो. करंदीकर ने बताया कि प्रयोगशाला ब्रेन मैपिंग और स्टिमुलेशन के क्षेत्र में काम करेगी और वाचनालय में नए फर्नीचर और सिस्टम होंगे।
एन्डाउमन्ट फंड का एक हिस्सा व्याख्यान श्रृंखला, छात्र छात्रवृत्ति के माध्यम से तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान को बढ़ावा देगा जय पुल्लुर न्यूरोसाइंस इनिशिएटिव की स्थापना के साथ संस्थान में तंत्रिका विज्ञान अनुसंधान में एक परिवर्तनकारी परिवर्तन होगा।