New method of cyber thugs : बातों में उलझाया, दूसरी कॉल को मर्ज किया और खाता खाली
साइबर ठगी का नया तरीका, कॉल मर्ज करते ही मोबाइल कर लेते है एक्सेस, साइबर क्राइम थाने की टीम ऐसे गिरोहों की खंगाल रही कुंडली
New method of cyber fraud : साइबर जालसाज लगातार अपना तरीका बदल रहे हैं। हर तीन से चार माह बाद नया तरीका निकाल लेते हैं। हाल के दिनों में कुछ लोगों के पास कॉल किया। उनको बातों में उलझाया। इसी बीच दूसरे नंबर से एक कॉल कराई। दोनों कॉल मर्ज कर दिया। इसके बाद खाताधार के मोबाइल का एक्सेस लेकर खाते की डिटेल हासिल। फिर बातचीत खत्म होने के साथ ही खाते की रकम भी साफ हो गई। साइबर क्राइम थाने के इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक ऐसी शिकायत कुछ ग्राहक व बैंक के अधिकारियों से मिल रही है। टीम ऐसे गिरोह की कुंडली खंगालने में जुटी है। जल्द ही बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया जाएगा।
साइबर अपराधियों ने नया तरीका निकाला है। अब ओटीपी शेयर करने के बजाए खाताधारक को सीधे कॉल करते हैं। उनको अपनी बातों में उलझा लेते। फिर दूसरे नंबर से कॉल करवाते। कॉल आते ही दोनों कॉल को खाताधारक से मर्ज करवा दे रहे हैं। कॉल मर्ज होते ही खाते की रकम उड़ा ले जा रहे हैं। साइबर क्राइम सेल और साइबर क्राइम थाने की टीमों को इस तरह की शिकायत कुछ बैंक के कर्मचारी व अधिकारी के साथ पीड़ितों ने की है। हालांकि इन मामलों में किसी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृजेश कुमार यादव के मुताबिक शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है। कुछ मामलों की जांच की गई है। इन कॉल के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही इसकी जानकारी हासिल की जा रही है कि रुपये किन खातों में गये हैं। वहीं, बैंक प्रबंधन से लोगों को जागरूक करने की अपील की गई है।
दो से तीन मिनट में कट जाती है कॉल
शिकायतों के मुताबिक अंजान नंबर से कॉल आती। कॉल रिसीव करने पर दूसरे व्यक्ति का हवाला दिया जाता। उसके द्वारा किये गये कॉल को दूसरे कॉल के साथ मर्ज करने को कहा जाता। कॉल मर्ज करने के बाद दूसरा कॉलर कोई बात भी नहीं करता। दो से तीन मिनट बाद कॉल खुद कट जाती। कॉल कटने के कुछ देर बाद बैंक से रकम निकलने का मैसेज मोबाइल पर आ जाता है।
खाताधारक के मोबाइल पर करते है पूरा नियंत्रण
इंस्पेकटर बृजेश कुमार यादव के मुताबिक लोगों को ऐसी कॉल से बचना चाहिए। ओटीपी जानने का तरीका पुराना हो चुका है। इसलिए अपराधियों ने नया तरीका निकाला है। आने वाला दूसरा कॉल एक लिंक से जुड़ा होता है। इसको मर्ज करते ही ग्राहक उस लिंक से जुड़ जाते हैं और उनके मोबाइल का एक मिरर हैकर को मिल जाता है। इससे वह ग्राहक के मोबाइल का पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले लेता है। इसके सहारे वह ठगी करता है। उन्होंने ठगी से बचने के लिए बैंकिंग एप को बायोमेट्रिक तरीके से चलाने का सुझाव दिया। साथ ही अनजान नंबर से आई कॉल को मर्ज करने से परहेज करने को कहा।
बातों में उलझाकर करा लिया 4.20 लाख का लोन
कैसरबाग के फूलबाग निवासी विनीता श्रीवास्तव को जालसाज बैंक मैनेजर बन कॉल किया। अपनी बातों में काफी देर तक उलझाये रखा। इसी बीच विनीता के खाते पर 4.20 लाख रुपये का लोन कराकर रकम हड़प ली। पीड़ितों को ठगी का पता चला तो साइबर क्राइम सेल में शिकायत की और कैसरबाग थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
फूलबाग की विनीता के मुताबिक उनके पास 12 अप्रैल की शाम 5 बजे के करीब एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को बैंक मैनेजर संजय जोशी बताया। कहा कि आपके अकाउंट में पैन अपडेट करना है। बातों में उलझाकर कहा कि जल्द करना होगा। व्हाट्सएप पर लिंक भेज रहा हूं। जालसाज ने कहा कि आपसे कुछ पूछ नहीं रहा हूं, आपको खुद से करना है। इसके बाद व्हाट्सएप पर एक लिंक आया। करीब 42 मिनट तक दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला चलता रहा। कॉल कट करने के बाद तत्काल अपना रुपया दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया। क्रेडिट कॉर्ड ब्लॉक करा दिया। कुछ देर बाद लोन के मैसेज आने लगे। कस्टमर केयर पर कॉल करने पर पता चला कि खाते पर 2.50 लाख और 1.70 लाख रुपये लोन हुआ है। इंस्पेक्टर कैसरबाग सुनील कुमार सिंह के मुताबिक रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।
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