मुरादाबाद : जिला कारागार में अपराध छोड़ने के लिए संगीत से प्रेम की भाषा सीख रहे बंदी
जेल में संगीत : वरिष्ठ जेल अधीक्षक की पहल, जिला कारागार में आकाशवाणी प्रसारण की सेवा शुरू , कोई भी बंदी रेडियो स्टेशन पर सीख सकेगा गाना या वाद्ययंत्र बजाना

मुरादाबाद, अमृत विचार। जिला कारागार में निरुद्ध बंदियों की मन: स्थिति बदलने के लिए अब जेल परिसर में ही रेडियो स्टेशन की सेवा शुरू हो गई है। इसके माध्यम से बंदियों का मानसिक स्तर ठीक कर उनको अपराध की दुनिया से दूर रखने की पहल जेल प्रशासन ने की है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक जेल में बंदियों के हित में कई नई पहल को आगे बढ़ा रहे हैं।
जिला कारागार में आकाशवाणी की प्रसारण सेवा रेडियो परवाज शुरू की गई है। इसका उद्देश्य बंदियों का मानसिक के विकास कर उनको अपराध की दुनिया से दूर रखने की पहल हुई है। कैदियों को प्रशिक्षण और सुविधाएं दी जाएंगी जिससे वह दोबारा ऐसा कोई कार्य न करें जिससे जेल में आना पड़े। जेल की रेडियो परवाज सेवा पर कोई भी कैदी अपना मनपसंद गाना सुन और सुना सकता है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए रेडियो प्रसारण सेवा शुरू हुई है। इससे बंदियों की रचनात्मक प्रतिभाएं सामने आएंगी। यदि कोई गाना बजाना चाहता है या गाना चाहता है तो इस तरह से कैदियों के अंदर का हुनर दिखेगा।
प्रतिभा निखारने के लिए मिला अवसर
जेल में रेडियो स्टेशन बनाने का उद्देश्य बंदियों की रचनात्मकता को आगे लाना है। जेल में बंदियों का मनोरंजन हो रहा है और उनके अंदर जो प्रतिभाएं छिपी हुई हैं। कोई भी बंदी गीत गाना चाहता है या कोई वाद्ययंत्र बचाना चाहता है तो रेडियो केंद्र पर जो कार्यक्रम जैसे होते हैं, वैसे ही वह जेल के अंदर भी कार्यक्रम प्रस्तुत कर सकते हैं। रेडियो स्टेशन सुविधा हो जाने से बंदियों में जिस वजह से वह जेल में आए हैं, उस कारण से उनकी कुछ दूरी हो जाएगी। रेडियो स्टेशन के जरिए बंदी अपनी विधाओं को प्रस्तुत कर सकते हैं। साथी बंदियों का भी मनोरंजन करा सकते हैं, उनका समय जेल में अच्छी तरह से व्यतीत हो सकता है। जेल में रेडियो स्टेशन की स्थापना होने के बाद हम देख रहे हैं कि कई बंदी ऐसे हैं, जो इसमें इच्छुक हैं। वह संगीत सीख भी रहे हैं।-पीपी सिंह, वरिष्ठ जेल अधीक्षक
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