प्रयागराज: नोएडा प्राधिकरण को कर संबंधी गलत कार्यवाही करने पर करदाता को मुआवजा देने का निर्देश
प्रयागराज, अमृत विचार। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने करदाता के खिलाफ गलत कार्यवाही करने पर न्यू ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) को 19,22,778 रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल की एकलपीठ ने सुरेन्द्र गुप्ता की याचिका को निस्तारित करते हुए पारित किया।
मामले पर विचार करते हुए कोर्ट ने पाया कि याची द्वारा जमा की गई कर राशि गलत मद में जमा कर दी गई थी,जिसके बारे में याची को सूचित भी नहीं किया गया था, जिससे वह उसमें सुधार कर सके, इसलिए नोएडा प्राधिकरण की ओर से की गई गलती के लिए याची को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। याची ने नोएडा को वैध कर का भुगतान किया, जिसे उचित मद में जमा नहीं किया गया और इसलिए याची को न सिर्फ जीएसटी की कार्यवाही का सामना करना पड़ा, बल्कि उस पर जुर्माना भी लगाया गया।
अतः कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए प्राधिकरण को निर्धारित जुर्माना राशि शीघ्र से शीघ्र जमा करने का निर्देश दिया। याची के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची ने गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में अपनी संपत्ति किराए पर दी थी। संपत्ति से प्राप्त किराया जीएसटी अधिनियम के तहत कर योग्य था। अतः याची ने नोएडा में 97,18,500/- रुपये का एकमुश्त लीज़ किराया और 17,49,330/- रुपये का कर जमा किया।
याची ने जीएसटी अधिनियम की धारा 39 के तहत अपना रिटर्न दाखिल किया था। नोएडा प्राधिकरण की ओर से हुई गलती के कारण याची द्वारा जमा किया गया कर जीएसटीआर- 3बी फॉर्म में दिखाई नहीं दे रहा था। याची ने कोर्ट को बताया कि उसने कर जमा करने के साक्ष्य प्रस्तुत किए थे, लेकिन उन पर विचार नहीं किया गया और कर तथा जुर्माना लगाया गया। यह तर्क भी दिया गया कि अपीलीय प्राधिकारी ने याची की अपील को खारिज करते समय रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री की भी अनदेखी की।
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