दिल्ली: तीन जल शोधन संयंत्रों के बंद होने से पीने के पानी की किल्लत, CM ने दी चेतावनी
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी में पीने के पानी की कमी हो गई है। दिल्ली सरकार ने यमुना नदी में बढ़ते जलस्तर के कारण तीन जल शोधन संयंत्रों के बंद हो जाने के बाद आपूर्ति में 25 प्रतिशत की कटौती करने का फैसला किया है। वजीराबाद स्थित जल शोधन संयंत्र का दौरा करने वाले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पानी की ''गंभीर कमी'' से निपटने के लिए आपूर्ति को तर्कसंगत बनाने की चेतावनी दी है।
ये भी पढ़ें - देश में 72 प्रतिशत जिले भीषण बाढ़ से प्रभावित लेकिन केवल 25 प्रतिशत में ही बाढ़ पूर्वानुमान केंद्र है मौजूद
आपूर्ति को तर्कसंगत बनाने का अर्थ है कि आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए सबके हितों के अनुसार पानी भेजा जाए। केजरीवाल ने ट्वीट किया, ‘‘यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से आज कई जल शोधन संयंत्र बंद करने पड़े हैं। यमुना किनारे बने वजीराबाद जल शोधन संयंत्र का आज मैंने खुद दौरा किया।
जैसे ही स्थिति यहां सामान्य होगी हम इसे जल्द शुरू करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने पहले ट्वीट में यमुना में जलस्तर के बढ़ने से वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों को बंद होने की सूचना दी थी। केजरीवाल ने ट्वीट में लिखा,''यमुना में बढ़ते जल स्तर की वजह से वजीराबाद, चन्द्रावल और ओखला जल शोधन संयंत्रों को बंद करना पड़ रहा है। इस वजह से दिल्ली के कुछ इलाकों में पानी की परेशानी होगी।
जैसे ही यमुना का पानी कम होगा, इन्हें जल्द से जल्द चालू करने की कोशिश करेंगे।’’ मुख्यमंत्री ने बताया कि जल शोधन संयंत्रों के बंद होने से शहर के कुछ हिस्सों में जल की आपूर्ति पर प्रभाव पड़ेगा। उपराज्यपाल की अध्यक्षता में बाढ़ की स्थिति को लेकर हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई और निर्णय लिया गया कि शहर में जल शोधन संयंत्रों के बंद होने से पानी की आपूर्ति को तर्कसंगत बनाया जाए।
बैठक के बाद केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा,''पानी की भारी कमी होने वाली है। तीन संयंत्रों से पानी का शोधन 25 प्रतिशत तक कम हो गया है। पानी की तर्कसंगत रूप से आपूर्ति करनी होगी और लोगों को अगले एक या दो दिन पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।''
पुराने रेलवे पुल पर यमुना नदी ने बुधवार की रात 208 मीटर के निशान को पार कर लिया और बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे तक जल स्तर 208.48 मीटर तक पहुंच गया। केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर के और बढ़ने का अनुमान जताया है। उसने इस स्थिति को ‘अत्यंत गंभीर’ बताया है।
ये भी पढ़ें - मोदी सरकार संसद से मंत्रालयों को आवंटित धनराशि का 40 प्रतिशत हड़पकर समृद्ध करना चाहती है CBC को : कांग्रेस