देहरादून: गुजरात मॉडल से मजबूत हुआ सीएम शिकायत निवारण तंत्र 

मुख्यमंत्री धामी ने दी प्रधानमंत्री मोदी को गुड गवर्नेंस और विभिन्न विकास परियोजनों की जानकारी

देहरादून: गुजरात मॉडल से मजबूत हुआ सीएम शिकायत निवारण तंत्र 

देहरादून, अमृत विचार। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुड गवर्नेंस और विभिन्न विकास परियोजनों की जानकारी दी। 

मुख्यमंत्री ने अवगत कराया कि प्रधानमंत्री मोदी के निर्देश के क्रम में राज्य सरकार द्वारा सचिव मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय टीम द्वारा गुजरात के गुड गवर्नेंस मॉडल का अध्ययन किया गया। इससे प्रेरणा पाते हुये राज्य में गुजरात के स्वागत मॉडल की तरह सीएम शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत किया गया।

अब हर किसी शिकायत को एंड टू एंड डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे हर शिकायत की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जा रही है। शिकायतों के निवारण की गुणवत्ता को परखने हेतु स्वयं मुख्यमंत्री द्वारा 10 परिवादियों से सीधे वार्तालाप की जा रही है। इसी के तहत 1095 हेल्पलाइन के तहत 24 घंटे कॉल सेन्टर स्थापित किये गये है। 

 
राज्य में परिवार पहचान पत्र

मुख्यमंत्री ने बताया कि, हरियाणा की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी परिवार पहचान पत्र बनाया जा रहा है। उत्तराखंड के परिवार पहचान पत्र का डेटा डायनेमिक डेटा होगा, जो न केवल विभिन्न लाभपरक योजनाओं के लाभार्थियों को चयन करने में मदद करेगा बल्कि विभिन्न योजनाओं को निर्माण करने में सही सूचना उपलब्ध कराएगा।

भारत सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार द्वारा भी अनुपयोगी अधिनियमों को बदला जा रहा है। आतिथि तक लगभग 1250 ऐसे अधिनियमों का चिन्हित किया गया है एवं लगभग 250 अधिनियमों को सिंगल रिपील एक्ट के माध्यम से विलोपित किया जा रहा है। 
 

7 फ्लैगशिप स्कीमों का शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा दिये गये संतृप्तीकरण के आदेश को अंगीकृत करते हुये राज्य सरकार द्वारा 7 फ्लैगशिप स्कीम का शत् प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है। 4 अन्य फ्लैगशिप स्कीम में 85 प्रतिशत से अधिक की प्रगति है।

भारत सरकार एवं नीति आयोग की अपेक्षा के अनुसार बेहतर योजना संरचना, प्रभावी नीति निर्धारण, नवाचारों को प्रोत्साहन एवं अन्तर्विभागीय समन्वयन तथा विकास कार्यों के सटीक अनुश्रवण एवं गहन मूल्यांकन हेतु नीति आयोग, भारत सरकार की तर्ज पर राज्य में स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर इंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखण्ड (सेतु) का गठन किया जा चुका है।

राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को बेहतर एवं सुविधाएं देने हेतु प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया जा रहा है, जिस हेतु गुड गवर्नेंस काउंसिल का गठन किया गया है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा 6 आकांक्षी विकासखण्डों का चयन किया गया है। राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त रूप से अन्य 9 विकासखण्डों को सम्मिलित करते हुये कुल 15 आकांक्षी विकासखण्डों को चिन्हित करते हुये उनके विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
 

अर्थव्यवस्था की मजबूती को लगातार प्रयास 

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। लगभग 7000 करोड़ रुपये की हरिद्वार-ऋषिकेश पुनर्विकास महापरियोजना पर कार्य किया जा रहा है।

सेंट्रल विस्टा की तर्ज पर नई एडमिन सिटी की स्थापना  पीपीपी मोड पर की जा रही है, जिस पर लगभग 6000 करोड़ रुपये का निवेश  होगा। गिफ्ट सिटी की तर्ज पर ऊधमसिंह नगर जिले में 3000 एकड़ का नया शहर (पंतनगर एयरपोर्ट से 15 मिनट की दूरी पर, जिसका अमृतसर-कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर आर्थिक केंद्र होगा।

 
हरिद्वार में मांगी भेल की 457 एकड़ भूमि 

मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री से कहा कि हरिद्वार के अन्तर्गत भारत सरकार पीएसयू भेल के पास लगभग 457 एकड़ भूमि वर्तमान में किसी उपयोग में नहीं लायी जा रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री से हरिद्वार में औद्योगिकीकरण एवं शहरीकरण की सम्भावनाओं के दृष्टिगत् यह भूमि राज्य सरकार को हस्तान्तरित किये जाने का अनुरोध किया।

 

आईडीएस स्कीम पुन: लागू करने का अनुरोध

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड को जीएसटी एरा के उपरांत हिमाचल सहित औद्योगीकरण को बढ़ावा दिये जाने हेतु आईडीएस की स्कीम लॉन्च की गयी थी जिसके लाभार्थियों की कैपिटल सब्सिडी अवमुक्त नहीं की गयी है।

उन्होंने अनुरोध किया कि इस अति लोकप्रिय स्कीम (लगभग 1585 ईकाईयां, 1600 करोड़ रुपये की सब्सिडी एवं लगभग 7000 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष निवेश) को अगले 5 वर्षों हेतु पुनः लागू किया जाए। मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण इन्फ्रा प्रोजेक्ट देहरादून-टिहरी टनल परियोजना एवं पंत नगर एयरपोर्ट का विस्तारीकरण के कार्यों में तेजी लाने के लिए भी प्रधानमंत्री से अनुरोध किया। 

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