हल्द्वानी: नहर कवरिंग की समयसीमा समाप्त, 640 मीटर ही हो सका कार्य

हल्द्वानी: नहर कवरिंग की समयसीमा समाप्त, 640 मीटर ही हो सका कार्य

हल्द्वानी, अमृत विचार। एसबीआई से नवाबी रोड तक हो रही नहर कवरिंग पूरी करने की समयसीमा शु्क्रवार को समाप्त हो गई लेकिन अभी तक 640 मीटर तक ही बेड और दीवार बनाने का कार्य हो सका है। कार्यस्थल पर उपस्थित जेई कैलाश बिष्ट ने बताया कि बारिश के कारण कार्य प्रभावित हो रहा है।

उन्होंने बताया कि 670 स्लैब डाले जाने हैं जिसमें 590 स्लैब डाल दिए गए हैं। बीते तीन दिन से बारिश के कारण कवरिंग कार्य में व्यवधान आया जिससे तेजी से चल रहा काम प्रभावित हुआ है। कैलाश बिष्ट ने कहा कि बारिश ने काम में रूकावट नहीं डाली तो 15 दिनों के भीतर कवरिंग कार्य पूरा कर लिया जाएगा।

एसबीआई से नवाबी रोड शिव मंदिर तक 712 मीटर नहर कवर की जा रही है जिसका कार्य बीते नवंबर से शुरू हुआ था और मई में पूरा किया जाना था लेकिन दो बार समयसीमा बढ़ाने के बाद भी कार्य पूरा नहीं किया जा सका है। 6.35 करोड़ रुपये की लागत से योजना का कार्य किया जा रहा है। 

स्थानीय पार्षद और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष रवि जोशी ने एक बार फिर से नहर कवरिंग में बेड और दीवार निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग को कई बार चेताया गया लेकिन इसके बावजूद भी गुणवत्ता से समझौता किया जा रहा है। आरसीआर  पत्थर जो उत्तम गुणवत्ता के साथ ही अधिक कीमत का होता है , को योजना में इस्तेमाल किया जाना था लेकिन इसके स्थान पर आरआर पत्थर जिसकी क्वालिटी निचले स्तर की होने के साथ ही रेट भी कम होते हैं, इस्तेमाल किया जा रहा है। पार्षद ने बताया कि पूर्व में भी इसके लिए वह आवाज उठा चुके हैं। लेकिन विभागीय अधिकारियों पर कोई असर होता हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। 


670 मीटर तक बेड और दीवार बना ली गई है। सारे शहर का पानी इसी नहर में आता है जिससे यह नहर न होकर ड्रेनैज का काम कर रही है। शहर में मास्टर ड्रैनेज प्लान प्रभावी नहीं होने तक यह समस्या बनी रहेगी। 30 जून तक कवरिंग पूरे करने के निर्दश थे लेकिन यह कोई औपचारिक समयसीमा नहीं थी। एक सप्ताह में कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। समयसीमा बढ़ाने की अनुमति मांगी थी जिसे संशोधित करने के निर्देश दिए हैं। गुणवत्तापूर्ण कार्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। पूर्व में भी दीवार तोड़ी गई थी। शिकायत मिलने पर फिर से कार्रवाई की जाएगी।

- आरबी सिंह, अधीक्षण अभियंता