बरेली: जीभ के तुतने का ऑपरेशन करने के बदले खतना करने पर अस्पताल का लाइसेंस निलंबित

बरेली, अमृत विचार। बरेली के एक अस्पताल में डॉक्टर ने बच्चे का जीभ के तुतने का ऑपरेशन की जगह प्राइवेट पार्ट का खतना कर दिया। जब परिवार के लोगों को इसका पता चला तो हंगामा मच गया। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कमेटी को जांच में ढाई साल के बच्चे का खतना करने की पुष्टि नहीं हुई।
हालांकि इसके बावजूद अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर शासन को जांच रिपोर्ट भेज दी गई है। साथ ही शासन से विस्तृत जांच की भी अनुमति भी मांगी गई है। दरअसल, बारादरी थाना क्षेत्र के संजय नगर निवासी हरिमोहन यादव का ढाई साल का बेटा सम्राट ठीक से बोल नहीं पाता था।
जब उन्होंने बच्चे को डेलापीर स्थित डॉ. एम खान अस्पताल में दिखाया था तो डॉक्टर ने उसका तुतना यानी जीभ का ऑपरेशन कराने को कहा था। लेकिन शुक्रवार को भर्ती कराने के बाद बच्चे की जीभ के ऑपरेशन के बजाय उसका खतना कर दिया गया। जिसके बाद अस्पताल में जमकर हंगामा हुआ और हिंदू जागरण मंच के लोग भी अस्पताल पहुंच गए थे। वहीं अस्पताल के डॉक्टर और स्टाफ का कहना था कि बच्चे को मूत्रमार्ग में संक्रमण होने की वजह से ऑपरेशन किया गया।
जीभ के ऑपरेशन की कोई बात ही नहीं हुई थी। मामला सुर्खियों में आने के बाद डिप्टी सीएम व स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने जांच का आदेश दिया था। इसके बाद सीएमओ ने जांच के लिए कमेटी गठित की थी। कमेटी ने शनिवार और रविवार को जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट दे दी। इसके बाद सीएमओ डॉ. बलवीर सिंह ने लापरवाही और दूसरे कारणों का जिक्र करते हुए अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया। साथ ही विस्तृत जांच की अनुमति मांगते हुए शासन को भी रिपोर्ट भेज दी है।
अभिलेखों में जांच के दौरान बच्चे के प्राइवेट पार्ट का ऑपरेशन होने की बात लिखी हुई है और ऑपरेशन के सहमति पत्र पर भी परिजनों के हस्ताक्षर भी मिले हैं। बच्चे का ऑपरेशन बताकर किया गया था। इसमें डॉक्टर की कोई गलती नहीं है। फिलहाल अभी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित कर दिया गया है।- डॉ. बलवीर सिंह, सीएमओ
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