अयोध्या: महानिदेशक के आदेश के बाद भी नहीं हुआ जीपीएफ का डिजिटलीकरण

फरवरी में था निर्देश, जून में भी नहीं हो सका है पूरा

अयोध्या: महानिदेशक के आदेश के बाद भी नहीं हुआ जीपीएफ का डिजिटलीकरण

अयोध्या/अमृत विचार। शिक्षकों के जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) को डिजिटलीकरण करने में विभाग अब तक नाकाम रहा है। महानिदेशक के दोबारा आदेश जारी करने के बाद भी विभाग न तो डिजिटलाइजेशन का काम पूरा कर पाया और न ही लेखा पर्ची तैयार करने में तेजी दिखा पाया। शिक्षकों की अपूर्ण प्रविष्टियां भी विभाग में सालों बाद पूरी नहीं हो पाई। ऐसे में जीपीएफ भुगतान में होने वाला भ्रष्टाचार भी कम होने का नाम नहीं ले रहा है।

बेसिक लेखा विभाग के सभी टीचरों के जीपीएफ खातों के डिजिटलाइजेशन का काम पूरा करने के साथ ही लेखा पर्ची भी तैयार करने के आदेश महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा फरवरी 2023 में जिला वित्त लेखाधिकारी को दिये गये थे। लेखा विभाग की लापरवाही के कारण यह कार्य लंबित रहा। 

जिस पर महानिदेशक स्कूल के द्वारा पुन अप्रैल में सभी अधिकारियों को पत्र जारी किया गया लेकिन जिले के जिम्मेदारों पर इस पत्र का असर भी नहीं पड़ा है। अब जीपीएफ खातों का डिजिटाइजेशन का कार्य न होने से शिक्षक भी नाराजगी जाहिर कर रहे है। शिक्षकों का आरोप है कि विभाग जानबूझ कर डिजिटलीकरण की व्यवस्था लागू नहीं कर रहा है। 

आरोप है कि इस व्यवस्था से उन्हें पूरी व्यवस्था ऑनलाइन करनी पड़ेगी। जिसके बाद गड़बड़ी दिखाकर सुविधा शुल्क लेने का काम उनका बंद हो जाएगा। इसलिए इस पर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। वित्त एवं लेखाधिकारी रवींद्र कुमार सिंह का कहना है 40 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। शेष 60 प्रतिशत इसी महीने सम्पन्न हो जायेगा। गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप निराधार है, पारदर्शी व्यवस्था है।

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