कैसे हो स्कूली वाहनों की जांच,एआरटीओ प्रवर्तन के तीन पद रिक्त

चार पीटीओ के सहारे चल रहा काम, ज्यादातर रहते वीआईपी ड्यूटी में

कैसे हो स्कूली वाहनों की जांच,एआरटीओ प्रवर्तन के तीन पद रिक्त

मंगल सिंह,लखनऊ, अमृत विचार: राजधानी में अनफिट, अवैध वाहनों और ओवरलोडिंग पर शिकंजा कसे भी कैसे, एआरटीओ प्रवर्तन के तीन पद एक वर्ष से रिक्त हैं। पिछले वर्ष एआरटीओ प्रवर्तन अमित राजन राय का तबादला हो गया था। श्रावस्ती के एआरटीओ प्रवर्तन विनित मिश्रा को लखनऊ में अटैच किया गया, लेकिन कुछ दिनों बाद ही वह मूल तैनाती में लौट गए। चार यात्री कर अधिकारी पीटीओ के सहारे औपचारिकता पूरी की जा रही है। पीटीओ भी ज्यादातर समय वीआईपी ड्यूटी व अन्य कार्यों में व्यस्त रहते हैं।

एआरटीओ प्रवर्तन के पद रिक्त होने से स्कूली वैन, बसों की जांच नहीं हो पा रही है। स्कूल वाहनों में डेढ़ गुना से अधिक बच्चों को बैठाया जा रहा है। ज्यादात वाहनों में मानकों का पालन भी नहीं किया जा रहा है। इसी कारण वाहन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं। लखनऊ की सड़कों से रोजाना 300 से अधिक ट्रक और 150 डग्गामार बसें ओवरलोड होकर निकलती हैं। इन वाहनों की कोई जांच करने वाला नहीं है। बसें में क्षमता से अधिक सवारियां तो होती ही हैं, सामान भी ढोया जाता है। वाहनों की अधिक रफ्तार के कारण हादसे भी होते रहते हैं। इस संबंध में परिवहन आयुक्त ब्रजेश नारायण सिंह ने कहा कि लखनऊ में करीब एक वर्ष से एआरटीओ प्रवर्तन के तीनों पद खाली होने की जानकारी मेरे संज्ञान में आयी है। मै इसको देखता हूं। अभी मै कुछ कह नहीं सकता। जल्द ही शासन को पत्र भेजा जायेगा। वाहनों की जांच के लिए आरटीओ प्रवर्तन की जवाबदेही तय की जायेगी।

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