दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के समीप स्टेशन के लिए दी प्रदर्शन की धमकी 

दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के समीप स्टेशन के लिए दी प्रदर्शन की धमकी 

रियासी (जम्मू कश्मीर)। जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में कौड़ी के निवासी दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल के लिए अपनी जमीन देने के बाद एक रेलवे स्टेशन की अपनी मांग को लेकर लामबंद हैं, जिससे उन्हें लगता है कि यह उनकी आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित करेगा।

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यह 1.3 किलोमीटर लंबा चिनाब रेल पुल नदी के तल से 359 मीटर ऊंचा और पेरिस में ऐतिहासिक एफिल टावर से 35 मीटर अधिक ऊंचा है और यह कटरा से बनिहाल तक 111 किलोमीटर लंबे मार्ग को जोड़ता है जो प्रतिष्ठित उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (यूएसबीआरएल) परियोजना का हिस्सा है। कौड़ी के निवासियों ने कहा कि इस पुल का काम पूरा होने के करीब है लेकिन रेलवे स्टेशन कहीं नजर नहीं आता है।

उन्होंने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की। स्थानीय निवासी अंग्रेज सिंह ने कहा, ‘‘करीब 20 साल पहले पुल का काम शुरू होने पर हमें इस ऐतिहासिक पुल पर बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने को देखते हुए हमारे इलाके में एक रेलवे स्टेशन बनाने का वादा किया गया था...आज हम ठगा महसूस कर रहे हैं क्योंकि हमारी अर्थव्यवस्था में सुधार लाने तथा हमारे बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने का हमें दिखाया सपना पूरा होते नहीं दिख रहा है।’’

उन्होंने दावा किया कि रेलवे अधिकारियों ने ‘‘कुछ तकनीकी मुद्दों’’ का हवाला देते हुए इस पुल के समीप एक स्टेशन बनाने की योजना छोड़ दी है। सिंह ने कहा, ‘‘परियोजना के लिए कई लोगों ने बेहतर भविष्य की उम्मीद से अपनी जमीन दी थी। उन्हें बेरोजगार छोड़ दिया गया और उनके बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय नजर आता है।’’

सेवानिवृत्त कैप्टन राजेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘बिना रेलवे स्टेशन के हम ट्रेन को पुल पार करने नहीं देंगे। हम पटरियों पर बैठेंगे और ट्रेन हमारे शवों पर से होकर गुजर सकती है।’’ उन्होंने कहा कि कौड़ी में रेलवे स्टेशन से रियासी जिले की छह तहसील के लोगों को फायदा मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘हमने अपनी मांग के समर्थन में कई बार उच्च प्राधिकारियों को ज्ञापन सौंपे हैं। अगर कुछ अप्रिय होता है तो सरकार जिम्मेदार होगी।’’ पंच ओम प्रकाश ने कहा कि यह बहुत ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार में कोई भी कौड़ी के निवासियों की नहीं सुन रहा है।’’ 

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