नवाब मलिक की जमानत पर तत्काल सुनवाई की याचिका खारिज

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक को मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामले में मंगलवार को उनकी जमानत याचिका पर तत्काल सुनवाई की गुहार ठुकरा दी। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश की पीठ ने फरवरी 2022 से जेल में बंद मलिक को जल्द सुनवाई की गुहार बॉम्बे उच्च न्यायालय के समक्ष करने की अनुमति दी।
शीर्ष अदालत ने कहा कि वह उनके खिलाफ दर्ज धनशोधन के मामले की सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में करेगी। याचिकाकर्ता मलिक का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने उनके खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए मामले पर तत्काल सुनवाई की गुहार लगाई थी। मलिक ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2005 के तहत प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था।
मलिक को प्रवर्तन निदेशालय( ईडी) ने 24 फरवरी 2022 गिरफ्तार किया था। उन पर आतंकवादी दाऊद इब्राहिम के एक सहयोगी से संबंधित एक कथित भूमि सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं। वर्ष 1999 की गतिविधियों से उत्पन्न मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 2022 में गिरफ्तारी के बाद मलिक मुंबई के आर्थर रोड जेल में बंद हैं। मुंबई की एक विशेष अदालत ने नवंबर 2022 में उनकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। ईडी ने उनके खिलाफ अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के साथ उनके ड्राइवर सलीम पटेल के जरिए हुए जमीन सौदे में पैसों की लेन-देन को लेकर चार्जशीट भी दाखिल की थी।
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