पीलीभीत में ऐसे खिला कमल.. दूसरे चरण से पिछड़ी साइकिल, जीप पीछा ही नहीं कर पाई

अंतिम तीन चरणों में भरी कुछ रफ्तार, लीड हो गई अधिक...बचा नहीं पाए हार

पीलीभीत में ऐसे खिला कमल.. दूसरे चरण से पिछड़ी साइकिल, जीप पीछा ही नहीं कर पाई

वैभव शुक्ला, पीलीभीत, अमृत विचार। एक दिन पहले ही नगर निकाय चुनाव के परिणाम आए। लोकसभा चुनाव 2024 के सेमीफाइनल के रूप में देखे जा रहे इस चुनाव में भाजपा ने विकास के वादे करते हुए ट्रिपल इंजन की सरकार बनाने की अपील मतदाताओं के बीच जाकर की। वहीं, विपक्ष में समाजवादी पार्टी अखिलेश सरकार में हुए काम और भाजपा की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए मैदान में उतरी। लोकसभा, विधानसभा चुनाव के बाद शहर की सरकार चुनने के लिए मतदाता भाजपा के साथ चले गए और सपा पुरानी सीटें भी बचा नहीं पाई। 

खैर, पीलीभीत सीट की बात करें तो सपा प्रत्याशी नसरीन अंसारी ने कांटे की टक्कर दी और दूसरे नंबर रही। मगर, मतगणना पर गौर करें तो एक बार कमल को पछाड़ने के बाद दोबारा साइकिल इतनी रफ्तार ही नहीं भर सकी कि जीत तक पहुंच जाए। दूसरे चरण से पिछड़ना शुरू हुआ और सातवें चरण तक जारी रहा। बीच में एक बार जरूरत कुछ पीछा किया लेकिन भाजपा की आस्था लीड ले चुकी थीं।  

नगर पालिका पीलीभीत सीट को भाजपा के गढ़ के रूप में ही देखा जाता है। पिछले दो चुनाव से इस पर वापसी की कसक भाजपा को खलती रही। हालांकि इस बार के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी डा. आस्था अग्रवाल ने जीत दर्ज कर यह मुराद भी पूरी करा दी। चुनाव परिणाम की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी को 19066 वोट हासिल कर 798 वोट से जीत दर्ज की और दूसरे नंबर सपा की नसरीन ने 18268 वोट हासिल किए। 

यह आंकड़े कांटे की टक्कर की ओर इशारा कर रहे हैं। लेकिन आठ चरण में हुई मतगणना पर नजर डालें तो साइकिल पहले चरण के बाद रफ्तार ही नहीं पकड़ सकी है। पहले चरण में भाजपा को 3336 वोट जबकि सपा 3706 वोट पाकर 370 मतों की बढ़त बना गई। उसके बाद पांचवें चरण तक सपा हारती रही। दूसरे चरण में भाजपा 3755, जबकि सपा 3387 वोट ले सकी। 

इस चरण में भाजपा की बढ़त 368 वोट की रही। तीसरे चरण में भाजपा ने और उछाल मारा। इसमें भाजपा की आस्था को 3865 वोट मिले, जबकि यहां पर साइकिल को सिर्फ 3208 मत प्राप्त हुए। यानि तीसरे चरण में भाजपा को 657 वोट की लीड मिली, जोकि काफी जीत में मददगार बनी। चौथे चरण में भाजपा को 3414 जबकि सपा को 3203 वोट यानि 211 मतों की लीड मिली। पांचवे चरण की काउंटिंग में भाजपा 2728 जबकि सपा 1710 वोट ही हासिल कर पाई। इसमें भाजपा को सर्वाधिक 1018 मतों की लीड मिली।

छठे चरण में एक बार फिर सपा की साइकिल कुछ दौड़ी लेकिन अंतर सिर्फ 535 वोट का रहा। इस चरण में भाजपा को 1297 और सपा को 1832 वोट मिले थे। सातवें चरण में भाजपा को 502 जबकि सपा को 853वोट मिले। आठवें चरण में भाजपा 133 जबकि सपा 339 वोट पर रही। नतीजतन आस्था की जीत की राह दूसरे, तीसरे, चौथे और पांचवे चरण में हुई वोटों की गिनती ने तय कर दी। उधर, पोस्टल बैलेट में भी भाजपा सबसे आगे और सपा दूसरे नंबर पर रही।

जीप शुरुआत से सुस्त, तीन चरण बाद तो इंजन फेल
इस सीट पर लगातार 10 साल प्रभात जायसवाल और उसके बाद पांच साल उनकी पत्नी विमला अध्यक्ष रही थीं। इस चुनाव में निर्दलीय उतरी विमला की जीप (चुनाव चिह्न) का हाल तो शुरुआत से ही पस्त रहा। तीन चरण के बाद तो वह हजार का आंकड़ा छूने में भी कामयाब नहीं हुई। पहले चरण में 1047, दूसरे में 1095, तीसरे में 1160 वोट मिले। उसके बाद चौथे में 992, पांचवें में 662, छठे 488, सातवें में 241 और आखिरी चरण में सिर्फ 24 वोट पर ही सिमटकर रह गईं।

1180 से शुरू होकर 39 पर आकर ठहर गई गदा
तीसरे नंबर पर रहने वाली भाजपा की बागी निर्दलीय प्रत्याशी प्रियंका कौशिक इस चुनाव में भले जीत न दर्ज कर सकी हो, लेकिन भाजपा की राह मुश्किल जरूर करती रहीं। उनकी स्थिति पूर्व चेयरमैन विमला जाससवाल से सात राउंड में अधिक ही रही। मगर, उनका ग्राफ भी चौथे चरण के बाद गिरता चला  गया। शुरुआती चरण में उन्हें क्रमश: 1180, 1130, 1130 और 1174 वोट मिले। उसके बाद अंतिम चार चरण में क्रमश: 774, 380, 278 और आखिरी चरण में सिर्फ 39 वोट पर ही संतोष करना पड़ा।

डाक मत में छह वोट से जीतीं आस्था

प्रत्याशी :                    प्राप्त मत

डा. आस्था अग्रवाल (भाजपा) : 36

नसरीन अंसारी (सपा) : 30

उर्मिला गौतम (बसपा) : 13

कमरुल निशा (कांग्रेस) : 01

शबाना खान (रालोद) : 02

आकांक्षा अग्रवाल : (02)

प्रियंका कौशिक (निर्दलीय): 10

विमला जायसवाल (निर्दलीय) : 20

सावित्री देवी (निर्दलीय) : 02

पुष्पा (निर्दलीय)  : शून्य

नोटा: 01

पीलीभीत नगर पालिका अध्यक्ष के कार्यकाल

1. सैय्यद जाहिद अली: 1989- 1990
2. राजीव अग्रवाल: 1990-1991
3. इशरत खां: 1991-1994
4. हरिओम अग्रवाल: 1995-2000
5. राजीव अग्रवाल टीटी : 2000-2005
6. प्रभात जायसवाल: 2006- 2011
7. प्रभात जायसवाल: 2012- 2017
8. विमला जायसवाल: 2017-जनवरी 2023
9. डा. आस्था अग्रवाल: नवनिर्वाचित

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