हल्द्वानी: दुष्कर्म के दोषी को 3 साल बाद 20 वर्ष का सश्रम कारावास

कालाढूंगी में नाबालिग को अगवा कर किया था दुष्कर्म

हल्द्वानी: दुष्कर्म के दोषी को 3 साल बाद 20 वर्ष का सश्रम कारावास

विशेष न्यायाधीश नंदन सिंह की अदालत ने सुनाया फैसला

हल्द्वानी, अमृत विचार। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के विशेष न्यायाधीश अदालत ने पॉक्सो एक्ट के एक मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए एक नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी रामरतन को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। विशेष न्यायाधीश नंदन सिंह की ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार को यह फैसला सुनाया। 

मामले में सरकार की ओर से अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) नवीन चन्द्र जोशी ने पैरवी की और कुल 7 गवाहों की गवाही हुई है। शासकीय अधिवक्ता ने बताया कि नाबालिग की मां ने दिनांक 20 फरवरी 2020 को कालाढूंगी थाना में रामरतन (27) निवासी ग्राम उदयपुरी कमोला कालाढूंगी नैनीताल के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

उन्होंने कहा था कि रामरतन ने उनकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर भगा कर ले गया। पुलिस ने नाबालिग को 28 फरवरी 2020 को अपहर्ता के साथ कमोला के निकट बैल पोखरा गुरूद्वारा के पास बरामद किया। अदालत ने आरोपी को पाक्सो अधिनियम की धारा 5(ठ) /6 के तहत 20 वर्ष के सश्रम कारावास और 10 हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी को धारा 363 के तहत 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये के अर्थदंड और धारा 366 के तहत भी 5 वर्ष के सश्रम कारावास व 5 हजार रुपये के जुर्माना की सजा सुनाई।