Nainital News: हाइड्रो पावर कंपनियों की याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने की सुनवाई, अगली तिथि दो मई तय

नैनीताल, अमृत विचार। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जल विद्युत उत्पादन पर वाटर टैक्स लगाए जाने के खिलाफ दायर विशेष अपीलों पर चार दिन लगातार सुनवाई करते हुए अगली सुनवाई के लिए 2 मई की तिथि नियत की है। चार दिन की सुनवाई में कई हाइड्रो पावर कंपनियों की तरफ से सुनवाई हो चुकी है।
मामलों की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी एवं न्यायमूर्ति रविंद्र मैठाणी की खंडपीठ में हुई। पूर्व में एकलपीठ ने एक्ट को सही ठहराते हुए विभिन्न हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट कंपनियों द्वारा दायर याचिकाओ को खारिज कर दिया था।
इस आदेश को हाइड्रो पावर कंपनियों ने विशेष अपील दायर कर खंडपीठ में चुनौती दी है। मामले के अनुसार, राज्य बनने के बाद उत्तराखंड सरकार ने राज्य की नदियों में जल विद्युत परियोजनाएं लगाए जाने हेतु विभिन्न कम्पनियों को आमंत्रित किया था।
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश राज्य व जल विद्युत कंपनियों के मध्य करार हुआ, जिसमें तय हुआ कि कुल उत्पादन की 12 फीसदी बिजली उत्तराखंड को निशुल्क दी जाएगी जबकि शेष बिजली उत्तर प्रदेश को बेची जाएगी लेकिन वर्ष 2012 में उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड वाटर टैक्स ऑन इलैक्ट्रिसिटी जनरेशन एक्ट बनाकर जल विद्युत कंपनियों पर वायर की क्षमतानुसार 2 से 10 पैसा प्रति यूनिट वाटर टैक्स लगा दिया, जिसे अलकनंदा पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, टीएचडीसी, एनएचपीसी, स्वाति पावर प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, भिलंगना हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट, जय प्रकाश पावर वेंचर प्राइवेट लिमिटेड आदि ने हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने इनकी याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि विधायिका को इस तरह का एक्ट बनाने का अधिकार है। यह टैक्स पानी के उपयोग पर नहीं बल्कि पानी से विद्युत उत्पादन पर है, जो संवैधानिक दायरे के भीतर बनाया गया है।
यह भी पढ़ें- Haldwani News: 'शिक्षा में नए आयाम' किताब संपादित, MBPG कॉलेज के प्राचार्य ने किया विमोचन