NMCG ने नमामि गंगे के तहत 638 करोड़ रूपये की आठ परियोजनाओं को दी  मंजूरी

NMCG ने नमामि गंगे के तहत 638 करोड़ रूपये की आठ परियोजनाओं को दी  मंजूरी

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने मंगलवार को नमामि गंगे के तहत 638 करोड़ रूपये की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी जिसमें उत्तर प्रदेश के शामली जिले में हिंडन नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने की चार परियोजनाएं शामिल हैं।

जल शक्ति मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) की 48वीं कार्यकारी समिति की बैठक में इन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इस बैठक की अध्यक्षता एनएमसीजी के महानिदेशक जी अशोक कुमार ने की।

आधिकारिक बयान के अनुसार, बैठक में 638 करोड़ रूपये की आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इसमें उत्तर प्रदेश के शामली जिले में यमुना की सहायक नदी हिंडन को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए 407.39 करोड़ रूपये की चार परियोजनाएं शामिल हैं।

ये परियोजनाएं समग्र हिंडन पुनर्जीवन योजना का हिस्सा है। हिंडन की पहचान प्राथमिकता-1 स्तर की प्रदूषित धारा के रूप में की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2025 में उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुम्भ की तैयारियों के भाग के तौर पर नगर में सात घाटों के विकास की एक परियोजना को मंजूरी दी गई।

प्रयागराज में स्थित इन घाटों में दशाशमेध घाट, किला घाट, नौकियां घाट, ज्ञान गंगा आश्रम घाट, सरस्वती घाट, महेवा घाट और रसूलाबाद घाट शामिल है। इन घाटों पर स्नान, वस्त्र परिवर्तन, पेयजल, रात में प्रकाश की व्यवस्था करने सहित सौंदर्यीकरण कार्य किया जायेगा। बयान में कहा गया कि एनएमसीजी की कार्यकारी समिति की 48वीं बैठक में दो जलमल प्रबंधन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई जिसमें एक बिहार में और दूसरा मध्यप्रदेश में स्थित है।

बिहार में इस परियोजना की अनुमानित लागत 77.39 करोड़ रूपये और मध्य प्रदेश स्थित इस परियोजना की लागत 92.78 करोड़ रूपये है। इसमें कहा गया कि उत्तराखंड के हरिद्वार में घाट विकास की एक परियोजना को मंजूरी दी गई। वहां 2.12 करोड़ रूपये की लागत से अखंड परम धाम का निर्माण किया जायेगा। 

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