लखनऊ: निलंबित बाबू ने की फर्जी रजिस्ट्री, चार पर होगी एफआईआर

अमृत विचार। लखनऊ विकास प्राधिकरण के एक निलंबित बाबू ने जालसाजों से मिलकर उत्तराखंड के रहने वाले एक व्यक्ति के नाम भूखंड की फर्जी रजिस्ट्री करा दी और गवाह में राजस्थान व बांदा के एक-एक व्यक्ति के हस्ताक्षर कराए। शिकायत पर मामला खुला तो उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने इन चारों पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ जांच के आदेश दिए हैं। इसी क्षेत्र में एक और भूखंड फर्जीवाड़ा का मामला है जिसकी जांच चल रही है।
सचिव पवन कुमार गंगवार ने बताया कि नंदपुरी, आर्य नगर, ज्वालापुर, हरिद्वार, उत्तराखंड निवासी 65 वर्षीय राजीव कुमार भटनागर के नाम अलीगंज योजना के सेक्टर-के में भूखंड सी-37/45 की फर्जी रजिस्ट्री कराई गई। जो 1 अक्टूबर 2021 को निलंबित चल रहे बाबू पवन कुमार ने जालसाजों के माध्यम से की थी। एक शिकायत के माध्यम से जांच कराई तो गुरुवार को इस बात की पुष्टि हुई। इस रजिस्ट्री में गवाह के तौर पर राजस्थान के अलवर निवासी बदलू और बांदा के नहरी क्षेत्र निवासी रामलखन मिश्रा ने हस्ताक्षर किए थे।
इस जालसाजी में राजीव कुमार भी शामिल हैं। क्योंकि एलडीए ने यह भूखंड बेचा नहीं था। इसलिए उपाध्यक्ष डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने चारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए हैं। साथ ही जांच के आदेश दिए हैं कि कहीं अन्य भूखंड या फ्लैटों की रजिस्ट्री इन जालसाजों द्वारा तो नहीं कराई गई है। उप सचिव माधवेश ने बताया कि भूखंड 263.62 वर्गमीटर का है, जिसकी कीमत करोड़ों में है।
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