काशीपुर: एक साथ दो जगह नियुक्ति पाने वाला सरकारी डॉक्टर आया पकड़ में 

काशीपुर: एक साथ दो जगह नियुक्ति पाने वाला सरकारी डॉक्टर आया पकड़ में 

काशीपुर, अमृत विचार। एक स्थायी सरकारी विशेषज्ञ डॉक्टर ने साक्षात्कार के समय कथित रूप से सेवा संबंधी तथ्य छुपाकर एनएचएम के तहत उप जिला चिकित्सालय काशीपुर में हड्डी रोग विशेषज्ञ के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया। निदेशक एनएचएम ने महानिदेशक स्वास्थ्य से मामले की पुष्टि कर कार्रवाई कर अवगत कराने को कहा। अस्पताल से डॉक्टर को वापस सीएमओ कार्यालय भेज दिया गया। 

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के निदेशक डॉ. सरोज नैथानी ने स्वास्थ्य महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण देहरादून को पत्र लिखकर कहा कि 16 फरवरी को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के अंतर्गत विशेषज्ञों की नियुक्ति के लिए साक्षात्कार लिया था।

15 मार्च को परिणाम घोषित किया गया, 16 मार्च को अभ्यर्थी डॉक्टर को उप जिला चिकित्सालय काशीपुर में हड्डी रोग विशेषज्ञ के पद के लिए नियुक्ति पत्र प्रेषित किया गया। संज्ञान में आया कि वह जिला चिकित्सालय जनपद रुद्रप्रयाग में नियमित सेवा में कार्यरत हैं। उक्त अभ्यर्थी की ओर से साक्षात्कार के दौरान सेवा संबंधी तथ्य साक्षात्कार समिति से छिपाए गए। उन्होंने संज्ञान लेते हुए अपने स्तर से मामले की पुष्टि कर नियमानुसार विभागीय कार्रवाई कर एनएचएम कार्यालय उत्तराखंड को अवगत कराने का अनुरोध किया है। 

छह वर्ष से अस्पताल को नहीं मिला नियमित हड्डी रोग विशेषज्ञ
एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल में करीब छह साल पूर्व नियमित हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके सुंदरियाल ने अस्पताल छोड़ दिया था। उस समय दूर दराज से भारी संख्या में मरीज इलाज को पहुंचते थे। इसके बाद संविदा के तौर हड्डी रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति होती रही या डॉक्टर को संबद्ध किया जाता रहा, लेकिन अभी तक नियमित नियुक्ति नहीं हो सकी। 


हड्डी रोग विशेषज्ञ ने 10 अप्रैल को अस्पताल में कार्यभार ग्रहण किया था। उन पर साक्षात्कार के समय तथ्य छुपाकर एनएचएम के तहत सेवा देने का आरोप है। सीएमएओ, डीजी के पत्र मिलने पर बुधवार को उन्हें सीएमओ के यहां वापस कर दिया है। 
-डॉ. खेमपाल, प्रभारी सीएमएस, एलडी भट्ट सरकारी अस्पताल 


हड्डी रोग विशेषज्ञ की एनएचएम के तहत काशीपुर उप जिला अस्पताल में नियुक्ति हुई है। संज्ञान में आया है कि वह जिला चिकित्सालय जनपद रुद्रप्रयाग में नियमित सेवा में कार्यरत हैं। चयन समिति में महानिदेशक का प्रतिनिधि भी होता है। 10 अप्रैल को महानिदेशक स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखा गया है। अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। मामले में आज फिर से पूछा जाएगा। 
-डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड, देहरादून

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