हल्द्वानी: शिकायत मिलने पर निजी स्कूलों की एनओसी होगी रद्द

अभिभावकों की जेब ढीली और बुक सेलरों बल्ले-बल्ले 

हल्द्वानी: शिकायत मिलने पर निजी स्कूलों की एनओसी होगी रद्द

हल्द्वानी, अमृत विचार। किताबों के नाम पर इन दिनों शहर में लूट चल रही है। अभिभावकों की जेब ढीली हो रही है और बुक सेलरों की बल्ले-बल्ले हो रही है। निजी स्कूल एनसीईआरटी के बदले अभिभावकों को निजी पब्लिकेशन की किताबें खरीदने को मजबूर कर रहे हैं।

कई स्कूल तो ऐसे हैं, जिन्होंने किताबें खरीदने के लिए दुकानें तक तय की हैं। बच्चे एक लंबी लिस्ट लेकर निर्धारित की गई दुकानों पर पहुंच रहे हैं। एनसीईआरटी और निली पब्लिकेशन की किताबों के मूल्य में दोगुने से भी अधिक का अंतर है। एनसीईआरटी की जो किताब बाजार में 150 से 250 रुपये की बीच मिल रही है। निजी प्रकाशन में वहीं किताब  500 से 1000 रुपये के बीच आ रही है। अभिभाक स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं।

मुख्य शिक्षा अधिकारी केएस रावत का कहना है कि स्कूलों में एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम ही लागू होगा। निजी पब्लिकेशन की किताबें खदीदनें के लिए अभिभावकों को मजबूर नहीं किया जा सकता है। यदि कोई स्कूल निजी प्रकाशन की पुस्तकें खरीदने के लिए विद्यार्थियों को मजबूर कर रहा है, तो यह निमय विरुद्ध है। ऐसे स्कूलों की शिकायत मिलने पर कठोर कार्रवाई करते हुए एनओसी रद्द करने की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। 


अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान 

शहर के अभिभावक निजी स्कूलों की मनमानी से परेशान हैं। किताब, ड्रेस, शूज के लिए तय की गई दुकानों से उनकी जेब ढीली हो रही है। अभिभावक संघर्ष समिति के संयोजक मदन मोहन जोशी ने कहा कि शहर के निजी स्कूल मनमानी पर उतर आए हैं।

स्कूलों ने बच्चों की किताब, कॉपी, ड्रेस, शूज के लिए दुकानें तय की है। दुकानदार इसका फायदा उठा रहे हैं। अभिभावकों से मन माफिक पैसे वसूले जा रहे हैं। हर वर्ष स्कूल की ड्रेस बदली जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूल कोई भी जानकारी अपनी वेबसाइट पर नहीं डाल रहे हैं। संपर्क करने पर फोन भी नहीं उठाते हैं।