हल्द्वानी: दरोगा भर्ती प्रकरण ---> दागियों की जांच पूरी और रिपोर्ट ठंडे बस्ते में

विजिलेंस की रिपोर्ट पर निलंबित हुई थे 20 दरोगा, 3 दरोगा तैनात थे कुमाऊं में

हल्द्वानी: दरोगा भर्ती प्रकरण ---> दागियों की जांच पूरी और रिपोर्ट ठंडे बस्ते में

हल्द्वानी, अमृत विचार। विजिलेंस की जांच में दरोगा भर्ती का भंडाफोड़ हुआ तो 20 दरोगाओं की वर्दी दागदार हो गई। जिसके बाद विजिलेंस के साथ दागियों के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू हो गई। अब जांच पूरी हो चुकी है, लेकिन जांच रिपोर्ट को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। विभागीय जांच रिपोर्ट को लेकर अब चर्चा का बाजार गर्म हो रहा है। 
   

वर्ष 2015 में पंतनगर विश्वविद्यालय ने दरोगाओं के 339 पदों पर भर्ती परीक्षा का आयोजन किया था। भर्ती पर सवाल उठे तो सात साल बाद विजिलेंस को मामले की जांच सौंपी गई है। जांच आगे बढ़ी तो धांधली की परतें उखड़ने लगी और फिर 20 दरोगा विजिलेंस की राडार पर आ गए।

जांच रिपोर्ट शासन को सौंपी गई तो इन सभी को निलंबित कर दिया गया। इस मामले में विजिलेंस की जांच अब भी जारी है। इधर, शासन में विजिलेंस की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने उत्तराखंड पुलिस कर्मचारी दंड नियमावली धारा 14/1 या 14/2 के तहत विभागीय जांच की। मामले की जांच सीओ नैनीताल को सौंपी गई थी, लेकिन अब पुलिस जांच की बात से इंकार कर रही है। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि इस मामले में पुलिस ने दागी दरोगाओं के बयान भी ले लिए गए हैं।

सामने यह भी आ रही है कि विजिलेंस के आरोप भी पुलिस जांच में सही पाए गए हैं। सूत्रों के दावे यदि सही हैं तो पुलिस की जांच रिपोर्ट ही दागियों पर कार्रवाई के लिए काफी है। हालांकि पुलिस की जांच रिपोर्ट मुख्यालय पहुंचेगी या नहीं, यह अब अस्पष्ट है। 


दरोगा भर्ती की जांच पुलिस नहीं कर रही है। यह मामला पूरी तरह से विजिलेंस के हाथ है। विजिलेंस की टीम ही इस मामले में साक्ष्य जुटा रही है और उनकी ही जांच रिपोर्ट पर एक्शन लिए जाएंगे। बाकी मुख्यालय के आदेश पर कार्रवाई की जाएगी। 
- डॉ.नीलेश आनंद भरणे, आईजी कुमाऊं