उड़ीसा के चर्चित ग्राहम स्टेंस हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दारा सिंह के रिहाई की उठी मांग

उड़ीसा के चर्चित ग्राहम स्टेंस हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दारा सिंह के रिहाई की उठी मांग

लखनऊ, अमृत विचार। उड़ीसा के चर्चित ग्राहम स्टेंस हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे दारा सिंह के रिहाई की आवाज उठने लगी है। औरैया जनपद के रहने वाले दारा सिंह की रिहाई को लेकर शनिवार को हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से मिलें। 

इस दौरान दारा सिंह का भाई अरविन्द पाल ने भी उप मुख्यमंत्री से भाई के रिहाई की मांग उठाई है। हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी के मुताबिक दारा सिंह की आजीवन कारावास की अवधि पूरी होने के बाद भी उड़ीसा सरकार उनकी रिहाई नहीं कर रही है, जिसको लेकर शिशिर चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी मिलने का समय मांगा है।

शिशिर चतुर्वेदी ने बताया कि बजरंग दल के उड़ीसा के कोईझोर जिलाध्यक्ष दारा सिंह पर गो तस्कर शेख रहमान को मारने और धर्मांतरण करवा रहे फादर ग्राहम स्टेंस तथा फादर अरुण दास को जिंदा जलाने के मामले में सजा काट रहे हैं। शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि दारा सिंह केवल हिन्दू होने की सजा भुगत रहे हैं जो कि सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि दारा सिंह की रिहाई के लिए हिन्दू महासभा पूरा प्रयास करेगी।

दरअसल, साल 1999 में 22 जनवरी को उड़ीसा के क्योंझर जिले में स्थित मनोहरपुर गांव में ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी और पादरी ग्राहम स्टुअर्ट स्टेंस समेत उनके परिवार को जला कर मार दिया गया था। 

इस मामले में बजरंग दल के दारा सिंह को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी । बताया जा रहा है कि जेल में सजा काट रहे दारा सिंह को 22 साल का समय बीत चुका है। इस दौरान उसे पेरोल भी नहीं दी गई है। दारा सिंह के भाई अरविन्द पाल के मुताबिक इन 22 सालों में उनके माता-पिता की मौत भी हो गई,लेकिन उसके बाद भी उनके भाई को पेरोल देना मुनासिब नहीं समझा।

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