बाराबंकी रेलवे स्टेशन... हवा में लटक रही दीवार, मौत की बेंचों पर ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री
बाराबंकी, अमृत विचार। कन्नौज में रेलवे स्टेशन परिसर में शनिवार की दोपहर बड़ा हादसा हो गया। जहां बिल्डिंग का लिंटर गिरने से कई मजदूर मलबे में दब गए। यहां केंद्र सरकार की अमृत भारत योजना के तहत नई बिल्डिंग बन रही थी। इसी योजना के तहत 151 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में शुरू हुए बाराबंकी रेलवे स्टेशन का भी निर्माण हो रहा है। लेकिन स्टेशन निर्माण में बरती जा रही लापरवाही किसी दिन जानलेवा साबित हो सकती है। अमृत विचार टीम के रियलिटी चेक में तमाम लापरवाही सामने आई है।
बता दें अमृत भारत योजना के तहत रेलवे स्टेशन को हाईटेक बनाने का दावा किया जा रहा है। यानी स्टेशन पर वह सब सुविधाएं होंगी जो किसी आधुनिक रेलवे स्टेशन में होनी चाहिए। जिसमें मुख्य भवन के साथ ही पुलों का निर्माण भी प्रस्तावित है। लेकिन कछुए की रफ्तार से चल रहा निर्माण कार्य राहगीरों और स्टेशन कर्मचारियों के लिये सिरदर्द बना है। यहां निर्माण शुरू हुए करीब साल भर हो चुके हैं, लेकिन फाउंडेशन का कार्य अभी भी कंप्लीट नहीं हो सका है।
नये निर्माण के लिये प्लेटफार्म नंबर एक पर बने दो प्रतीक्षालय और स्टेशन अधीक्षक के रूम की छत तो गिरा दी है। मगर उसकी प्लेटफार्म साइड की पुरानी दीवार पूरी तरह से हवा में लटक रही है। जो कभी भी किसी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। क्योंकि उसी दीवार से सटी हुई कई बेंच स्टेशन परिसर में लगी हुई है। जहां पर बड़ी संख्या में यात्री बैठकर अपनी ट्रेन का इंतजार करते हैं। ऐसे में अगर यह दीवार किसी कारण से गिरती है तो कन्नौज जैसे किसी हादसे का सबब साबित सकती है।
स्टेशन निर्माण में सुरक्षा मानकों की अनदेखी का हाल यह है कि पहले जगह जगह निर्माण कार्यों की चेतावनी देते बोर्ड लगाए गये थे। जो अब कहीं भी नहीं दिखते। मगर निर्माण कार्य में लगे अधिकारी और ठेकेदार इन कमियों से पूरी तरह अंजान बने हुए हैं। स्टेशन पर दिल्ली जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे यात्री अकित त्रिपाठी ने बताया कि स्टेशन के जिम्मेदार लोगों को सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना चाहिये। यात्रियों की जान से खिलवाड़ किया जाना ठीक नहीं। स्टेशन अधीक्षक अरुण कुमार रायजादा से जब इन तमाम मुद्दों पर बात की गई तो वह गोलमोल जवाब देते मिले।
प्रतीक्षालय, शौचालय की सुविधा नदारद
स्टेशन निर्माण के तहत पुराने प्रतीक्षालय को तो गिरा दिया गया। लेकिन रेलवे प्रशासन ने इसकी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं बनाई। जिसके चलते भारी भरकम रकम देकर ट्रेन का टिकट लेने वाले यात्री खुले में बैठकर ट्रेनों का इंतजार करने को मजबूर हैं। वहीं स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो, तीन और चार पर एक भी शौचालय नहीं है। जबकि प्लेटफार्म एक बने शौचालय पर हमेशा ताला लटकता मिलता है।
रेलवे स्टेशन पर हो रहे निर्माण कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश संबंधित अधिकारियों और ठेकेदारों को दिये गए हैं। अगर फिर भी कोई कोताही बरती जा रही है, तो वह जांच कराकर कार्रवाई करेंगे। स्टेशन निर्माण का कार्य पहले लखनऊ डिवीजन के पास था। अब उसे हेटक्वार्टर को ट्रांसफर कर दिया गया है... सचिंद्र मोहन शर्मा, डीआरएम, लखनऊ।
इमारत ढहने की अफवाह से हड़कंप
शनिवार शाम करीब पौने चार बजे पुलिस को सूचना मिली कि बाराबंकी रेलवे स्टेशन पर चल रहे निर्माण कार्य के दौरान एक इमारत ढह गई है, जिसमें कई लोगों के हताहत होने की आशंका है। इस खबर के बाद पुलिस-प्रशासन सक्रिय हो गया। सूचना के आधार पर सिटी कोतवाल सुमित त्रिपाठी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। कुछ ही देर में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट आर. जगत साईं और एमएलसी अंगद सिंह भी स्टेशन पर पहुंच गए।
एमएलसी अंगद सिंह ने बताया कि उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से घटना की जानकारी मिली थी, जिसके बाद वे मौके पर पहुंचे। मौके पर पहुंचने पर पता चला कि ऐसा कोई हादसा नहीं हुआ है। बाद में पता चला कि यह घटना कन्नौज जिले की है। जिससे स्टेशन पर अफरातफरी का माहौल देखने को मिला।
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