भोपाल-उज्जैन ट्रेन ब्लास्ट मामले में आईएस के सात आतंकवादियों को मौत की सजा, एक को उम्रकैद, NIA Court का फैसला
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश रचने के आरोप में एनआईए-एटीएस अदालत ने मंगलवार को इस्लामिक स्टेट ऑफ़ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) के सात आतंकवादियों को मौत की सजा और एक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अभियोजन सूत्रों ने बताया कि विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी की अदालत ने मोहम्मद फैसल, गौर मोहम्मद खान, मोहम्मद अजहर, आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हसन और आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को मृत्युदंड की सजा सुनाई जबकि मोहम्मद आतिफ ईरानी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रवक्ता ने बताया कि सिलसिलेवार बम धमाकों की साजिश में शामिल कुल नौ आतंकियों में एक सैफुल्ला को सात मार्च 2017 को लखनऊ के हाजी कॉलोनी में आतंकवादी निरोधक दस्ते (एटीएस) ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। एनआईए की अदालत ने 24 फरवरी को आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने के मामले में आठ लोगों को दोषी ठहराया था।
प्रवक्ता ने कहा कि सजायाफ्ता आईएसआईएस के गुर्गों को 2017 में कानपुर साजिश मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, शस्त्र अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा, “आठ आरोपियों के खिलाफ एटीएस पुलिस थाने में आठ मार्च 2017 को दर्ज किया गया था जबकि बाद में एनआईए ने 14 मार्च 2017 को फिर से मामला दर्ज किया था।
एनआईए की जांच में पता चला कि आरोपियों ने कुछ आईईडी तैयार किए थे जिन्हें प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर लगाने की असफल कोशिश की गयी थी। इस सिलसिले में लखनऊ में उनके हाजी कॉलोनी स्थित ठिकाने से जब्त की गई एक नोटबुक में संभावित लक्ष्यों और बम बनाने के विवरण के बारे में हाथ से लिखे कुछ नोट्स पाए गए थे।
प्रवक्ता ने कहा आतंकियों के इस गुट ने कथित तौर पर विभिन्न स्थानों से अवैध हथियार, विस्फोटक और अन्य सामान एकत्र किए थे। एक आरोपी आतिफ मुजफ्फर ने यह भी खुलासा किया था कि उसने विभिन्न इंटरनेट स्रोतों से सामग्री एकत्र करने के बाद आईईडी बनाने की तकनीकों पर जानकारी हासिल की थी। जांच से यह भी पता चला है कि भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन में आतिफ,मोहम्मद दानिश, सैयद मीर हसन और मोहम्मद सैफुल्ला ने आईईडी रखा था। सात मार्च 2017 को ट्रेन में हुए विस्फोट में 10 लोग घायल हो गए थे। इस मामले की जांच भी एनआईए ने की थी।
उन्होंने कहा कि आईएसआईएस की इस साजिश का पता तब चला जब कानपुर निवासी मुख्य आरोपी मोहम्मद फैसल को ट्रेन विस्फोट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। फैसल से की गयी पूछताछ के बाद उसके दो सहयोगियों, गॉस मोहम्मद खान उर्फ करण खत्री और अजहर खान उर्फ अजहर खलीफा को 9 मार्च, 2017 को गिरफ्तार किया गया।
प्रवक्ता ने कहा कि जांच अपने हाथ में लेने के बाद एनआईए ने इस मामले में पांच और आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
उनकी पहचान कानपुर निवासी आतिफ मुजफ्फर, मोहम्मद दानिश, आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी और मोहम्मद आतिफ उर्फ आतिफ इराकी और कन्नौज के सैयद मीर हुसैन के रूप में हुई थी। 31 अगस्त 2017 को गिरफ्तार किए गए सभी आठ आरोपियों के खिलाफ एनआईए ने चार्जशीट दायर की थी।
उन्होंने कहा कि मामले की जांच में स्पष्ट रूप से पता चला है कि आरोपी आईएसआईएस के सदस्य थे और उन्होंने इस्लामिक स्टेट और उसके नेता अबू बकर अल-बगदादी के प्रति निष्ठा की शपथ ली थी। आतिफ समूह का अमीर (नेता) था और डॉ जाकिर नाइक के प्रचार से प्रभावित था। प्रवक्ता ने कहा कि आरोपी आईएसआईएस की विचारधारा का प्रचार करने और भारत में उसकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए साथ आए थे।
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