अयोध्या: जमीन मिली न बने स्टेडियम, दावे धराशायी, एक साल से चल रही भूमि की तलाश

अयोध्या, अमृत विचार। ग्रामीण क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं को उभारने के लिए हर गांव में मिनी स्टेडियम बनाए जाने की योजना यहां अभी परवान नहीं चढ़ सकी है। भूमि चयनित कर प्रस्ताव न भेजे जाने के कारण अभी तक शासन से धनराशि नहीं मिल सकी है जबकि वित्तीय वर्ष बीतने की कगार पर है।
शासन ने एक वर्ष पहले प्रत्येक ग्राम पंचायत में मिनी स्टेडियम का निर्माण कराये जाने का आदेश दिया था। इसके लिए प्रथम चरण में जिले के सभी 11 ब्लाकों की कुल 70 ग्राम पंचायतों में भूमि तलाश कर स्टेडियम का निर्माण होना था। हद यह है कि अभी तक पहले चरण में ही ग्राम पंचायतों में भूमि तलाश नहीं की जा सकी है। जिसके चलते योजना यहां पूरी तरह से धराशायी हो गई है।
बताया जाता है कि ग्राम विकास अधिकारियों और प्रधानों द्वारा रुचि न दिखाने के कारण योजना अधर में लटकी है। यही कारण है कि अभी इनका प्रस्ताव नहीं भेजा जा सका है। जबकि यह वित्तीय वर्ष समाप्त होने जा रहा है। मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव का कहना है कि ढिलाई बरतने वालो पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि शीघ्र भूमि चयन के सभी खंड विकास अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।
मिनी स्टेडियम में यह मिलनी थी सुविधाएं
गांव में बनने वाले मिनी स्टेडियम में खिलाड़ियों के लिये क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबाल, कबड्डी, हॉकी समेत अन्य खेलों की भी व्यवस्था की जानी थी। इसे मनरेगा और राज्य वित्त की धनराशि से बनाया जाना था। मिनी स्टेडियम का मकसद था कि युवा रुचि के अनुसार गांव में ही खेल कूद का अभ्यास कर राज्य व नेशनल खेल प्रतियोगिता तक प्रतिभाग कर सके।
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