बरेली: ग्रीन बरेली की शोभा बढ़ाएंगे ईको फ्रेंडली बांस के ट्री-गार्ड

पहली बार शहर की सड़कों पर नजर आएंगे बांस के ट्री गार्ड

बरेली: ग्रीन बरेली की शोभा बढ़ाएंगे ईको फ्रेंडली बांस के ट्री-गार्ड

मोनिस खान/बरेली, अमृत विचार। अब तक शहर की सड़कों पर लोहे और सीमेंट के ट्री-गार्ड देखे होंगे, लेकिन ग्रीन बरेली को पहले से ज्यादा ईको फ्रेंडली बनाने के लिए अब बांस के बने ट्री-गार्ड का इस्तेमाल किया जाएगा। बैम्बू मिशन के तहत वन विभाग प्राइवेट संस्था के जरिये बांस के बने ट्री-गार्ड तैयार कराने की कवायद में जुटा है।

अफसरों की मानें तो यह पहला मौका होगा जब शहर में बांस के बने ट्री-गार्ड का इस्तेमाल होगा। शुरुआत में वन विभाग अपनी साइडिंग पर सड़क किनारे यह ट्री-गार्ड लगायेगा। इसके अलावा स्मार्ट सिटी और नगर निगम से भी बांस के बने ट्री-गार्ड लगाने का आग्रह किया जा रहा है।

वन विभाग ने गोकुल अनुसंधान एवं विकास ट्रस्ट को बांस के बने ट्री-गार्ड बनाने का कार्य मिशन बैंबू के तहत दिया है। प्रथम चरण में इस संस्था द्वारा 500 बांस के ट्री गार्ड तैयार किए जा रहे हैं। संस्था के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया कि केवल बरेली ही नहीं बल्कि पूरे रुहेलखंड जोन में यानी बरेली, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा के लिए उनकी संस्था ईको फ्रेंडली बांस के बने ट्री गार्ड बनाने का काम कर रही है।

दरअसल, वन विभाग की ओर से समय-समय पर पौधारोपण किया जाता है। पेड़ों को पशु आदि से बचाने के लिए ट्री-गार्ड का इस्तेमाल किया जाता है। आम तौर पर ट्री-गार्ड लोहे के बने होते हैं। बांस के ट्री-गार्ड में लोहे का इस्तेमाल केवल सपोर्ट देने के लिए किया गया है। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बांस के बने उत्पादों को बढ़ावा मिले, इसके लिए किसानों को भी आगे आना पड़ेगा। बांस की खेती बेहद आसान और मुनाफा देने वाली है। किसानों को प्रोत्साहन देने के लिए ही बैम्बू मिशन पर काम किया जा रहा है। इसके अलावा बांस से जुड़े कारीगरों को भी रोजगार मिल रहा है।

पेड़ों को ठंडा रखता है बांस का ट्री-गार्ड
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बांस का ट्री-गार्ड न सिर्फ ईको फ्रेंडली है बल्कि लोहे के ट्री-गार्ड से कहीं ज्यादा किफायती भी है। लोहे के ट्री-गार्ड की कीमत जहां 1500 से 2000 रुपये तक होती है तो वहीं बांस का ट्री-गार्ड 500 से 800 रुपये में मिल जाएगा। वहीं गोकुलधाम अनुसंधान एवं विकास ट्रस्ट के सचिव अरविंद अग्रवाल ने बताया कि बांस का बना ईको फ्रेंडली ट्री-गार्ड पेड़ों को ठंडक पहुंचाने का भी काम करता है। प्राकृतिक रूप से भी यह पौधों के लिए फायदेमंद है। इनकी लाइफ करीब पांच साल होती है।

बांस के ट्री-गार्ड तैयार करने का कार्य गोकुल अनुसंधान एवं विकास ट्रस्ट को दिया गया है। यह पहला मौका है जब बांस के ट्री-गार्ड का इस्तेमाल किया जायेगा। यह लोहे ट्री-गार्ड से कहीं ज्यादा किफायती हैं। पौधारोपण में इनका इस्तेमाल होगा। शहर की सभी सड़कों पर बांस के ट्री-गार्ड लगें, इसको लेकर नगर निगम के अधिकारियों से भी बात करेंगे-विजय सिंह, वन संरक्षक।

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