उपराज्यपाल ने सरकारी शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव पर ‘मंजूरी रोक’ रखी है: सिसोदिया

उपराज्यपाल ने सरकारी शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव पर ‘मंजूरी रोक’ रखी है: सिसोदिया

नई दिल्ली। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को आरोप लगाया कि उप राज्यपाल वी.के.सक्सेना ने सरकारी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ाने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के लिए सरकार के प्रस्ताव को ‘‘मंजूरी रोक रखी’’ है। उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी में सिसोदिया ने उनसे तत्काल प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी देने की मांग की है।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर पर यह पत्र साझा करते हुए उपराज्यपाल से शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को मंजूरी देने का आग्रह किया है । उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मैं माननीय उपराज्यपाल से आग्रह करता हूं कि प्रशिक्षण के लिये हमारे शिक्षकों को विदेश जाने की अनुमति दें। माननीय उपराज्यपाल ने स्वयं कहा था कि वह इसके खिलाफ नहीं हैं ।’’

दिल्ली सरकार ने 20 जनवरी को यह प्रस्ताव उपराज्यपाल कार्यालय को भेजा था और शिक्षकों को फिनलैंड भेजने की अनुमति मांगी थी। इससे कुछ ही दिन पहले सक्सेना ने सरकार से कार्यक्रम का लागत-लाभ विश्लेषण करने के लिए कहा था। सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा है, ‘‘पिछले साल अक्टूबर से ही यह फाइल आपके कार्यालय में घूम रही है।

यह फाइल 20 जनवरी को एक बार फिर आपके पास भेजी गयी है लेकिन इस पर अबतक कोई फैसला नहीं हुआ है।’’ उन्होंने पत्र में कहा, ‘‘आपने न तो इस प्रस्ताव पर अपनी मंजूरी दी और न ही फैसले के लिए इसे राष्ट्रपति के पास भेजने की प्रक्रिया शुरू की। ’’ सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उप राज्यपाल ने सरकार को दो बार फाइल स्पष्टीकरण मांगने के लिए लौटाई।

उन्होंने कहा, ‘‘ मान्यवर अक्टूबर 2022 से ही यह फाइल आपके कार्यालय में घूम रही है। आपने स्पष्टीकरण के लिए इस फाइल को दो बार वापस भेजा। जब माननीय मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों और विधायकों के साथ आपसे इसपर बात करना चाहते थे तब आपने हमसे मिलने से इनकार कर दिया। उस दिन आपके हवाले से मीडिया ने बताया कि आपने शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है।’’

सिसोदिया ने पत्र में कहा, ‘‘मैंने दोबारा फाइल भेजी। इसबार मैं उम्मीद कर रहा था कि आप 24 घंटे में अपनी मंजूरी दे देंगे लेकिन फाइल भेजे 10 दिन बीत जाने के बावजूद आपकी मंजूरी नहीं मिली है।’’ सिसोदिया ने अपने पत्र में कहा कि इस तरह के संवेदनशील मसलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिये और सक्सेना से फाइल को मंजूर करने का आग्रह किया।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘आपने शिक्षकों को फिनलैंड प्रशिक्षण के लिए भेजने के प्रस्ताव को दोबारा असंवैधानिक तरीके से रोका। इसकी वजह से 30 शिक्षकों का प्रतिनिधिमंडल दिसंबर 2022 में नहीं भेजा जा सका और अब मार्च 2023 में भी 30 शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए भेजने का कार्यक्रम रद्द होने की कगार पर है।’’ सिसोदिया ने कहा, ‘‘इसलिए मैं आपसे फिर से अनुरोध करता हूं कि आप शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड जाने दें। ऐसे संवेदनशील मामले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।’’

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