देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 74वां गणतंत्र दिवस

देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया 74वां गणतंत्र दिवस

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली सहित देश के सभी हिस्सों में गुरुवार को 74वां दिवस हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया गया। मुख्य समारोह दिल्ली में कर्त्तव्य पथ पर आयोजित किया और इस दौरान दुनिया ने भारत की अपार सैन्य ताकत और शौर्य को देखा और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने परेड की सलामी ली।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड की शुरुआत से पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक गए और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया। इसके बाद तिरंगे को 21 तोपों की सलामी दी गयी। इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर 25 पाउंडर पुरानी तोपों की बजाय नए 105 एमएम इंडियन फिल्ड गन से राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी गयी।

यह फैसला सरकार की मेक इन इंडिया पहल को और आगे बढ़ाने के उद्देश्य से लिया है। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सलामी देने के साथ हुई। परेड की कमान दूसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी परेड कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल धीरज सेठ सम्भाल रहे थे। वहीं दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल भवनीश कुमार परेड के सेकेंड-इन-कमांड थे।

इस वर्ष मिस्र के राष्ट्रपति अब्लेद फतह अल-सीसी गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि रहे। इस मौके पर आयोजित समारोह में पहली बार कर्नल महमूद मोहम्मद अब्देल फत्तेह एल खारासावी के नेतृत्व में मिस्र के सशस्त्र बलों का संयुक्त बैंड और मार्चिंग दस्ता शामिल हुआ। इस दल में 144 सैनिक शामिल थे, जो मिस्र के सशस्त्र बलों की मुख्य शाखाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि गणतंत्र दिवस संविधान में निहित मूल्यों का उत्सव है। श्री धनखड़ ने यहां जारी एक संदेश में कहा कि गणतंत्र दिवस संविधान और उसमें निहित सभ्यतागत मूल्यों में विश्वास का उत्सव है।

यह स्वतंत्रता सेनानियों और गुमनाम नायकों के योगदान को याद करने का अवसर भी है जिनके बलिदान ने भारतीय गणतंत्र की नींव रखी है। उन्होंने कहा, “इस अवसर पर, हम अपनी उपलब्धियों को याद करते हुए, नए जोश के साथ राष्ट्र निर्माण के प्रयास के प्रति खुद को फिर से समर्पित करें।

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