सरकारी फाइलों में अटकी है मस्जिद-ए-अयोध्या
अमृत विचार, अयोध्या। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मस्जिद निर्माण के लिए मुस्लिम पक्ष को सरकार की ओर से सोहावल के धन्नीपुर गांव में 5 एकड़ जमीन कृषि भूमि दे दी गयी। लेकिन मस्जिद का कार्य कृषि भूमि होने के चलते चार साल से लटका है। अब तक सरकार न तो लैंड यूज चेंज कर सकी और न ही अयोध्या विकास प्राधिकरण से नक्शा ही स्वीकृत हो सका।
अयोध्या मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन सोहावल तहसील क्षेत्र के धन्नीपुर गांव में 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिये गये निर्देश पर राज्य सरकार ने उप्र सुन्नी वक्फ बोर्ड को बैनामा की थी। यह जमीन वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट को सौंप दी।
ट्रस्ट ने मस्जिद के साथ वहां हॉस्पिटल व लाइब्रेरी सहित अन्य के निर्माण के लिए जब विकास प्राधिकरण में मानचित्र प्रस्तुत किया तो मामला लैंड यूज चेंज होने में अटक गया। तब से मस्जिद निर्माण के लिए ट्रस्ट एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा सका। नक्शा की प्रक्रिया अयोध्या विकास प्राधिकरण में अभी भी लंबित है।
इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के ट्रस्टी अरशद अफजाल खान ने बताया कि ट्रस्ट को मिली जमीन एग्रीकल्चर यूज वाली है। उसमें कंस्ट्रक्शन नहीं किया जा सकता है। लैंड यूज चेंज करने और उस पर 7 मंजिला बिल्डिंग बनाने के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण (एडीए) को आवेदन दिया गया है। वहीं अयोध्या विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी का कहना है कि लैंड यूज चेंज करने के लिए शासन के आवास विभाग को पत्र भेजा जा चुका है। लैंड यूज चेंज होने के बाद नक्शे की कार्यवाही आगे बढे़गी।
गणतंत्र दिवस पर यहां होगा झंडारोहण
धन्नीपुर गांव में प्रस्तावित मस्जिद वाली भूमि पर 26 जनवरी को पूर्वाह्न 11 बजे झंडारोहण किया जाएगा। किसी स्थानीय व्यक्ति से झंडारोहण कराया जाएगा। इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन के ट्रस्टी अरशद अफजाल ने बताया कि इस कार्यक्रम में उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष जुफर फारूकी के अलावा ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन, मो.राशिद, इमरान अहमद तथा सहित अन्य लोग शामिल होंगे। अरशद अफजाल ने बताया कि यहां विगत वर्ष 2021 से हर साल स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर झंडारोहण किया जाता है।
वर्जन -
अयोध्या विकास प्राधिकरण में ट्रस्ट ने नक्शा मई 2021 में जमा किया है। ट्रस्ट को एडीए से नक्शा लेना है। इसके पहले लैण्ड यूज चेंज होना था, क्योंकि यह कृषि भूमि है। लैंड यूज बदलने का कार्य अयोध्या विकास प्राधिकरण को कराना है, हमारा इसमें कोई रोल नहीं है। मस्जिद निर्माण के लिए चंदे के रूप में ट्रस्ट के पास 30-35 लाख रुपये का फंड मौजूद है। नक्शा मिलते ही हम काम शुरू करा देंगे।
- अतहर हुसैन, सचिव, इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट
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