पुस्तकालय व्यक्ति के ज्ञान को विस्तार देने का माध्यम :डॉ कल्पना सिंह 

बीएड के विद्यार्थियों ने विनायक मेहता पुस्तकालय का किया भ्रमण 

पुस्तकालय व्यक्ति के ज्ञान को विस्तार देने का माध्यम :डॉ कल्पना सिंह 

सुल्तानपुर / अमृत विचार। राणा प्रताप पीजी कालेज के बीएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने जनपद के प्रसिद्ध विनायक मेहता पुस्तकालय का भ्रमण विभागाध्यक्ष डॉ. भारती सिंह, डॉ. कल्पना सिंह, शांतिलता कुमारी, डॉ सीमा सिंह, डॉ संतोष सिंह अंश के साथ किया। यहां पर विद्यार्थियों ने डीएन सिंह से विनायक मेहता पुस्तकालय के इतिहास के बारे में जानकारी प्राप्त की और पुस्तकालय में उपलब्ध पुस्तकों का अवलोकन किया। 

बीएड विद्यार्थियों ने पुस्तकालय में बैठकर अपनी रुचि की पांच पुस्तकों की संक्षिप्त समीक्षा कर एक रिपोर्ट भी बनाई। डॉ भारती सिंह ने कहा कि  किताबें इन्सानों की सबसे अच्छी दोस्त होती हैं। जैसे व्यक्ति अपने  दोस्त का हर पल, हर घड़ी, हर मुश्किल में साथ देते हैं, वैसे ही किताबें भी हर विषम परिस्थिति में मनुष्य की सहायक होती है। डॉ कल्पना सिंह ने कहा कि व्यक्ति के ज्ञान को विस्तार देने के लिए पुस्तकालय बहुत ही उपयोगी माध्यम है। मैडम शांतिलता कुमारी ने कहा कि शिक्षक प्रशिक्षण ले रहे विद्यार्थियों को पुस्तकालय लाने का उद्देश्य यह हैं कि विद्यार्थियों का पुस्तकों से लगाव घट रहा है, विद्यार्थियों का पुस्तकों से लगाव बढ़ाना आवश्यक है। पुस्तकालय  उनका पुस्तकों से लगाव बढ़ा  सकती है और वे पुस्तकों के रखरखाव से भी परिचित हो सकेगें। 

डॉ सीमा सिंह ने कहा कि पुस्तकालय वह स्थान है जहां विविध प्रकार के ज्ञान, सूचनाओं, स्रोतों, सेवाओं आदि का संग्रह रहता है। डॉ संतोष अंश ने कहा कि सोशल मीडिया ने इंसान की पुस्तकों से दूरी बढ़ा दी है। आज पुस्तकें पाठकों के लिए तरसती है। परंपरागत पुस्तकालय में ज्ञान भंडार हुआ करता था। आज लोग मॉडर्न लायब्रेरी  की तरफ आकर्षित हो रहे है। जहां वाई फाई और एसी की सुविधा होती है पर अधिक ज्ञान भंडार नहीं होता। यहां पर सभी बीएड प्रथम वर्ष के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

ये भी पढ़ें - अयोध्या: प्राचीन पद्धति से मंदिरों का होगा सौंदर्यीकरण