बरेली: गन्ना का रेट निर्धारित नहीं होने से किसानों में मायूसी

नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह में चालू हुई थीं चीनी मिलें

बरेली: गन्ना का रेट निर्धारित नहीं होने से किसानों में मायूसी

बरेली, अमृत विचार। अभी तक सरकार ने गन्ने का मूल्य तय नहीं किया है। जबकि जिले की चीनी मिलों में हजारों क्विंटल गन्ना की आपूर्ति किसान कर चुके हैं। उनका भुगतान किस दर से मिलेगा कुछ भी नहीं पता है। शासन स्तर से भी इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं आने से किसानों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। किसान नेताओं ने तो यह तब चेतावनी दे दी कि अगर जल्द ही गन्ने का मूल्य 450 रुपये निर्धारित नहीं किया जाएगा तो आंदोलन किया जाएगा।

जिले की बात करें पेराई सत्र 2022-23 में सभी चीनी मिलें नवंबर महीने में शुरू हो गईं थीं। गन्ना खरीद के लिए जनपद में 235 गन्ना क्रय केंद्र स्थापित किए गए हैं। खरीद लक्ष्य करीब चार लाख क्विंटल है। किसानों को चीनी मिलें अभी बीते सत्र की 350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से ही भुगतान कर रही हैं। जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह का कहना है कि शासन से इस बार गन्ना मूल्य निर्धारित नहीं है। ऐसी स्थिति में बीते सत्र के हिसाब से किसानों को चीनी मिलें भुगतान कर रही है। 

भाकियू जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने बताया कि गन्ना मूल्य घोषित न करना, किसानों के साथ अन्याय है, किसानों का शोषण किया जा रहा है। किसान यदि कोई कर्जा ले लेता है, तो उस पर ब्याज चलता है और किसानों का जो बकाया है, वह रुपये अभी तक नहीं दिया जा सका है। किसानों का इसी तरह से शोषण जारी रहा तो धरना-प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।

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