Kanpur में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और सांस की समस्या से 15 की मौत, सर्दी और शीत लहर से बिगड़ रही तबियत

कानपुर में ठंड से 15 लोगों की मौत हो गई।

Kanpur में हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और सांस की समस्या से 15 की मौत, सर्दी और शीत लहर से बिगड़ रही तबियत

कानपुर में ठंड से 15 लोगों की मौत हो गई। हृदय रोग संस्थान, हैलट और उर्सला ठंड के चलते बीमार होने पर मरीज पहुंच रहे

कानपुर, अमृत विचार। शीत लहर और अचानक से बढ़ी सर्दी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रही है। बुधवार को हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और सांस की समस्या से 15 लोगों की मौत हो गई। इन्हें परिजन गंभीर हालात में लेकर हृदय रोग संस्थान, हैलट और उर्सला अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उन्हें मृत घोषित कर दिया।

कई गंभीर मरीजों का इमरजेंसी और आईसीयू में उपचार चल रहा है। सबसे अधिक समस्या ब्लड प्रेशर, अनियमित धड़कन, दिल में दर्द, सांस के रोगियों को आ रही है। ठंड के चलते रोगियों की नसें जकड़ जा रही हैं, जिसका भार दिल पर आ रहा है। अत्याधिक भार के चलते दिल के कार्य करने की क्षमता प्रभावित हो रही है। 

कार्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट के हार्ट सर्जन डॉ. नीरज कुमार के मुताबिक ओपीडी और इमरजेंसी में काफी संख्या में मरीज आ रहे हैं। उनमें एनजाइना पेन, बेचैनी, उलझन और सांस लेने में तकलीफ होने की शिकायत मिल रही है। मरीजों में युवा भी शामिल हैं। उनकी ईसीजी, टीएमटी और सीटी एंजियोग्राफी की जांच में दिल की धड़कन और उसकी पंपिंग क्षमता कम मिल रही है। ऐसे युवाओं को दवाओं के साथ ही जीवनशैली बदलने की सलाह दी जा रही है।

निदेशक प्रो. विनय कृष्णा ने बताया कि बुधवार को ओपीडी और इमरजेंसी में 753 मरीज आए, जिनमें से आठ की इलाज के दौरान मौत हो गई। तीन मरीज ब्रॉड डेड आए थे। 49 रोगियों को भर्ती किया गया। हैलट अस्पताल में तीन और उर्सला अस्पताल में एक ने ब्रेन स्ट्रोक जैसे लक्ष्णों से दम तोड़ दिया।

प्रमुख अधीक्षक प्रो. आरके मौर्या ने बताया कि मेडिसिन विभाग में ब्रेन स्ट्रोक और सांस के काफी रोगी आ रहे हैं। उनको इमरजेंसी और आईसीयू में भर्ती कराया जा रहा है। मेडिसिन विभाग के अलावा मैटरनिटी अस्पताल की नई बिल्डिंग में रोगियों को भर्ती किया जा रहा है। डायरिया, लिवर, गुर्दा, सेप्टीसीमिया, सांस के कई गंभीर मरीज भर्ती किए गए हैं।

निमोनिया और बुखार के कई मरीज भर्ती 

जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के बाल रोग चिकित्सालय में सर्दी, जुकाम, बुखार, निमोनिया, पसली चलने की समस्या पर कई बच्चे भर्ती हैं। सर्दी की वजह से छोटे बच्चों के सीने में जकड़न और सांस लेने में तकलीफ की दिक्कत काफी मिल रही है।

सीएमएस डॉ. विनय कटियार ने बताया कि निमोनिया और सीने में जकड़न की समस्या तीन साल से छोटे बच्चों में अधिक है। वायरल, डायरिया और तेज बुखार की शिकायत पर कई बच्चों का इलाज चल रहा है। हालांकि अभी बेड फुल होने जैसी दिक्कत नहीं है। मैटरिनटी अस्पताल की नई बिल्डिंग में एक फ्लोर खाली है।