राहुल गांधी की खड़ाऊ बन मथुरा पहुंचे सलमान खुर्शीद, बीजेपी पर बोला हमला

बृजेश पाठक से ही सीखी है वकालत पर उनसे पार्टी बदलना नहीं सीख पाया: सलमान खुर्शीद

राहुल गांधी की खड़ाऊ बन मथुरा पहुंचे सलमान खुर्शीद, बीजेपी पर बोला हमला

मथुरा, अमृत विचार। राहुल गांधी द्वारा भारत जोड़ो यात्रा तीन जनवरी को मथुरा आएगी। यात्रा से पहले कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद मथुरा पहुंचे। स्थानीय होटल में कांग्रेसियों ने उनका जोरदार स्वागत किया। इस दौरान हुई पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि हम भारत को जोड़कर रखना चाहते हैं। देश कहीं बिखर न जाए। इसीलिए राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा शुरू की। वह लगातार वह 2800 किलोमीटर पैदल चलें। इस यात्रा के साथ कई ऐसे लोग जुड़े जो कांग्रेसी नहीं हैं। 

उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस टूटी है तो हम जोड़ रहे हैं। इसमें क्या हर्ज है। हम हर चीज जोडना चाहते हैं। देश का हर संस्थान जोड़ना चाहते हैं। हम चाहते हैं यह यात्रा जनता की यात्रा मानी जाए। राहुल की खडाऊ लेकर यूपी जाने के प्रश्न  पर उन्होंने कहा कि आपको मेरे सिर पर कुछ दिखाई दे रहा है क्या।

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क्या पदयात्रा के माध्यम से कांग्रेस को जोड़ा जा सकता है के सवाल पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने मिलकर तय किया था कि एक अध्यक्ष ऐसा होना चाहिए जिसका अनुभव कांग्रेस में समर्पित हो, खड़गे के रूप में हमें वैसा नेता मिल गया है। वह संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं।

भाजपा को आपके नाम से काफी तकलीफ है के सवाल पर उन्होंने कहा कि सलमान के नाम से तकलीफ है या राम के नाम से। भगवान राम का नाम मैने लिया है। क्या मैं भगवान का नाम हीं ले सकता हूं। मैं मथुरा में हूं, क्या मैं कृष्ण भगवान का नाम नहीं ले सकता हूं। हमारा अपना मजहब कुछ भी है, एक देश की, एक भारतीय की आस्था है कि जिसका सम्मान हो।

साथ ही उन्होंने कहा कि अगर वह सम्मान करने को भी अपमान मानते हैं तो सम्मान के जो शब्द हैं वह मुझे बता दें, मैं वहीं इस्तेमाल करूंगा, लेकिन वह मुझे यह न बताएं कि आप भगवान से संबंधित नहीं हो सकते, यह हमारे भगवान हैं, भगवान सबके हैं।

वह बोले कि महात्मा गांधी ने सिखाया कि ईश्वर अल्लाह तेरो नाम। हम उसी सीख पर चलते हैं। जो स्क्रिप्ट भारतीय जनता पार्टी या आरएसएस लिखती है हम उस पर नहीं चलते हैं। मुझे गर्व है कि मैंने भगवान राम का नाम लिया। मैने भगवान राम की जीवनी से प्रेरित होकर यह कहा कि जैसे उनका संदेश खड़ाऊ से जाता था, वैसे ही आज मैं अपने नेता का संदेश अपने नेताओं की खड़ाऊ लेकर आपके बीच आया हूं। 

अयोध्या में बने राम मंदिर में भवान के दर्शन करने के लिए जाने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि क्या हमारे नेताओं को मंदिर में बुलाने का  प्रयास किया। हम तो कहते थे कि बैठकर समझौता कर लो, लेकिन बैठकर समझौता नहीं हुआ। जब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आया तो हमने वह निर्णय स्वीकार किया। अगर वह भगवान का घर है तो उसके दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं हो सकते हैं। भगवान के दरवाजे हमेशा सबके लिए खुले रहते हैं।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को लेकर कहा कि वह वकील है। वकालात मैं उन्हीं की वजह से सीखा हूं। एक बात उनसे नहीं सीख पाया कि पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टी में कैसे जाते हैं। श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर उन्होंने कहा कि मामला कोर्ट में है इसलिए टिप्पणी नहीं करूंगा। इतना जरूर कहूंगा कि मथुरा के लोग भी सौहार्द चाहते हैं। जब अयोध्या में बैठकर बात हो सकती है तो मथुरा के मामले में भी ऐसी बात हो सकती है। अगर कहीं पर बातचीत से या किसी के सहयोग से कुछ बात बनती है तो मथुरा के लोग उस पर निर्णय लेंगे।

वहीं निकाय चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं। उनके साथ पूर्व विधायक प्रदीप माथुर, प्रदेश अध्यक्ष ब्रजलाल खाबरी, प्रांतीय अध्यक्ष योगेश दीक्षित व जिलाध्यक्ष भगवान सिंह वर्मा आदि मौजूद रहे।

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