कोरोना की लहर के चलते बढ़ रही चिंताए, वैज्ञानिकों ने किया चौंकाने वाला दावा, जानकर रह जाएंगे हैरान

COVID-19 omicron BF.7 varient : चीन समेत दुनिया भर में कोरोना अपना कहर मचा रहा है। चीन के बाद अब दूसरे देशों को भी कोरोना की चिंता सताने लगी है।
वहीं बात भारत की करें तो यहां भी कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं और वैरिएंट BF.7 भी पहले ही देश में दस्तक दे चुका है। हालांकि, दुनिया भर में मचे हाहाकार के बीच जर्मन वायरोलॉजिस्ट क्रिश्चियन ड्रोस्टन (Christian Drosten) ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया है कि कोरोना महामारी अब खत्म होने वाली है।
ये भी पढ़ें : पड़ोसियों से अच्छे संबंधों के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेंगे : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह
क्या कहा क्रिश्चियन ड्रोस्टन (Christian Drosten)ने इंटरव्यू के दौरान
जर्मन वायरोलॉजिस्ट क्रिश्चियन ड्रोस्टन (Christian Drosten)बर्लिन के चेरिटे यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में वायरोलॉजी के हेड क्रिश्चियन ड्रोस्टन ने कोरोना महामारी को लेकर कहा, COVID-19 महामारी को खत्म माना जा सकता है क्योंकि अब ये एंडेमिक की तरफ बढ़ चुकी है।
इसका मतलब है कि कोविड बाकी बीमारियों की तरह मौजूद तो रहेगा लेकिन बहुत सीमित क्षेत्र में और कम खतरनाक रूप में, जैसे-जैसे वायरस से बचाव के तरीके इजाद होते रहते हैं, वह वायरस इतना घातक नहीं रहेगा जितना शुरू में हुआ था।
उन्होंने आगे कहा हम इस सर्दी में कोरोना की पहली एंडेमिक लहर का अंदाजा लगा रहे हैं। मरा अनुमान है महामारी खत्म हो चुकी है। सर्दियों का मौसम खत्म होने के बाद लोगों की इम्यूनिटी इतनी मजबूत हो एगी कि गर्मियों में वायरस के हावी होने की संभावना कम हो जाएगी।
क्रिश्चियन ने यह भी कहा कि सर्दी के बाद महामारी लगभग खत्म हो जाएगी लेकिन एक या दो कम घातक लहर आने वाले समय में आ सकती हैं।जर्मनी और अन्य यूरोपीय देशों में वैक्सीनेशन काफी बड़े स्तर पर हुआ है और यही महामारी के अंत का कारण बना।
चीन में वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो वहां पर कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है अगर कोई उपाय नहीं किए गए होते तो जर्मनी में 2021 में फैलने वाले डेल्टा वैरिएंट से एक लाख के ऊपर मौतें होतीं।
क्या कहते है एक्सपर्ट
एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने बताया कि बीते कई सालों में तमाम वायरस हमला कर चुके हैं। जिनमें 1995 में बर्ड फ्लू ने दस्तक दी जिसकी मृत्युदर 60 प्रतिशत थी लेकिन उस पर भी काबू पाया गया।
इसके बाद इबोला, जीका, सार्स, एचवन एनवन जैसे वायरस भी आए। हम जिस तरह वैक्सीनेशन और इम्यूनिटी डवेलप कर रहे हैं, उससे ये अंदाजा जरूर लगा सकते हैं कि आने वाले दिनों में ये पेनडेमिक से एंडेमिक बन जाएगा।
वहीं आर्हस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ इंफेक्शियस डिसीज के चीफ फिजिशियन प्रोफेसर लार्स ऑस्टेरगार्ड ने भी अपने बयान में महामारी के अंत का जिक्र किया था।
उन्होंने कहा था, कोरोना हमेशा के लिए एक महामारी बनकर नहीं रहेगा और इसका पूरी तरह से खत्म होना भी असंभव है. शायद हम कभी कोरोना को अलविदा ना कह सकें लेकिन इंफेक्शन और वैक्सीन से लोगों की इम्यूनिटी अच्छी होगी तो फिर यह दूसरे संक्रमण की तरह ही हमारे आसपास मौजूद रहेगा।
इससे डरने की जरूरत नहीं
अपोलो हॉस्पिटल की एमडी डॉ. संगीता रेड्डी (Dr. Sangita Reddy) के मुताबिक, भारत में कोविड वैक्सीनेशन अभियान और इफेक्टिव वैक्सीन को देखते हुए चीन में कोविड-19 के बढ़ते मामलों से बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है।
हमें चीन से आने वाली फ्लाइट्स के संबंध में नीतियों पर तुरंत काम करना चाहिए. चीन में फैला वर्तमान COVID न केवल चीन के लिए एक दुखद त्रासदी है, बल्कि वैश्विक आबादी को भी बड़े जोखिम में डाल सकता है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि सर्दियां भी चल रही हैं।
तो कुछ मामलों में सर्दी, फ्लू और कोरोना के लक्षण समान हो सकते हैं. कई लोग पांच दिन बाद भी दूसरों में संक्रमण नहीं फैलाते लेकिन कुछ लोग संक्रमित होने के 10 दिन बाद तक संक्रमण फैला सकते हैं इसलिए जिन लोगों को कोई लक्षण नजर आ रहे हैं उन्हें अनदेखा करने की जगह पांच दिन तक अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए और कम से कम 10 दिनों तक बुजुर्ग-बच्चों या बीमार लोगों से मिलने से बचना चाहिए।
ये भी पढ़ें : ममता बनर्जी ने हावड़ा स्टेशन के मंच पर बैठने से किया इनकार, जानें वजह