नगर निकाय चुनाव : भाजपा के लिए दांत से अखरोट तोड़ने जैसी चुनौती होगी

पिछले चुनाव में बहुत मामूली अंतर से हारी थीं किन्नर गुलशन बिंदू

नगर निकाय चुनाव : भाजपा के लिए दांत से अखरोट तोड़ने जैसी चुनौती होगी

रामपथ को लेकर व्यापारियों का आंदोलन बन सकता है भाजपा की राह का रोड़ा

अमृत विचार, अयोध्या। अयोध्या नगर निगम मेयर की सीट इस बार महिला के लिए आरक्षित हो गयी है। अभी तक किसी भी दल ने अपने प्रत्याशी तय नहीं किये हैं। लेकिन पिछले चुनाव को देखा जाए तो इस बार भाजपा के लिए मेयर का चुनाव दांत से अखरोट तोड़ने जैसी चुनौती साबित होने वाला है।

नगर निगम के क्षेत्र विस्तार में 41 नये गांवों का जुड़ना और इधर रामपथ के चौड़ीकरण में लगभग 2600 दुकान मकानों के तोड़े जाने से  मुआवजे को लेकर आए दिन हो रहा व्यापारियों का आंदोलन भाजपा की राह का बड़ा रोड़ा बनने वाला है।

नगर निगम अयोध्या के 2017 के नतीजों को ही देखें तो बहुत कुछ साफ नजर आता है। बीते चुनाव में सत्तारूढ़ दल भाजपा के लिए जनता को रिझाने के लिए सबसे बड़ा मुद्दा यही था कि अयोध्या को भाजपा ने नगर निगम का दर्जा दे दिया था। चुनाव हुए तो नतीजे चौंकाने वाले आए। सपा से प्रत्याशी रहीं किन्नर गुलशन बिंदू ने भाजपा के दांत खट्टे कर दिये थे।

भाजपा के मेयर प्रत्याशी रहे ऋषिकेश उपाध्याय को कुल 44642 वोट मिले थे तो वहीं गुलशन बिंदु को 41041 मत हासिल हो गए थे। एक तरफ जहां ऋषिकेश को 44.89 प्रतिशत मत मिला था तो वहीं गुलशन बिंदू को 41.27 प्रतिशत वोट हासिल हो गए थे। कहा जा सकता है कि यह बिल्कुल कांटे की टक्कर थी। 2017 के चुनाव में बसपा से लड़े गिरीश वर्मा को 6033 और आम आदमी पार्टी के सर्वेश कुमार वर्मा को 1180 मत ही हासिल हुए थे।

अब इस बार नगर निगम मेयर की सीट जब महिला के लिए आरक्षित हो गयी है तो भाजपा और सपा दोनो के लिए सबसे पहले तो प्रत्याशी तय करना ही चुनौती है। सपा से पिछला चुनाव लड़ीं गुलशन बिंदू का स्वर्गवास हो चुका है। वहीं भाजपा में दावेदारों की कमी नहीं है। बहुत कुछ स्थिति पार्टियों के प्रत्याशी तय होने के बाद साफ होगी, लेकिन सामान्य तौर पर यह तो तय है कि अयोध्या और नगर निगम के जो हालात हैं उसमें सत्तापक्ष के लिए मौजूदा चुनाव पिछले चुनाव से ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा। नगर निगम के सीमा विस्तार में 41 नये गांव जुड़े हैं। शहर की अपेक्षा इन गांवों में भाजपा की पैठ अपेक्षाकृत कम है।

वहीं दूसरी तरफ अयोध्या के विकास और मार्ग चौड़ीकरण के नाम पर लगभग 15 किलोमीटर के दायरे में बड़े पैमाने पर मकान और दुकानों की तोड़फोड़ हो रही है। एक मोटे अनुमान के मुताबिक लगभग 2600 दुकान और मकान तोड़े जा रहे हैं।

इसमें ज्यादातर व्यापारी वर्ग ही प्रभावित है। लम्बे समय से इस तोड़फोड़ कम मुआवजे को लेकर अयोध्या और फैजाबाद शहर के एक हिस्से का व्यापारी आंदोलित है। आज भी इनकी समस्या का मौलिक मनचाहा समाधान नहीं निकल पाया है। ऐसे में नगर निगम के चुनाव में व्यापारियों की यह नाराजगी भी भाजपा के लिए कठिन साबित हो सकती है। वैसे परम्परागत रूप से व्यापारी भाजपा का ही वोटर माना जाता रहा है।

नगर निगम अयोध्या : महापौर चुनाव 2017 के परिणाम

 

  • पार्टी                        प्रत्याशी                               प्राप्त वैध मत         प्रतिशत
  • भाजपा                      ऋषिकेश उपाध्याय (मेयर)            44642            44.89
  • सपा                          किन्नर गुलशन बिंदू                      41041            41.27
  • बसपा                        गिरीश वर्मा                                6033               6.07
  • आप                           सर्वेश कुमार वर्मा                      1180               1.19

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