चीन ने 'शत्रुतापूर्ण ताकतों' पर कड़ी कार्रवाई करने का किया आह्वान
बीजिंग। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने ‘‘शत्रुतापूर्ण ताकतों की विध्वंसक गतिविधियों और घुसपैठ पर कड़ी कार्रवाई’’ करने का आह्वान किया है। उसने यह बयान तब दिया है जब देश में कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए लगाई गई पाबंदियों से परेशान नागरिकों ने व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन किए जो दशकों में सबसे बड़ा प्रदर्शन है। केंद्रीय राजनीतिक एवं विधि मामलों के आयोग ने मंगलवार देर रात को यह बयान तब जारी किया जब सप्ताहांत में बीजिंग, शंघाई, ग्वांग्झू और कई अन्य शहरों में शुरू हुए प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा सेवाओं ने ताकत का व्यापक प्रदर्शन किया।
आयोग ने प्रदर्शनकारियों का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया लेकिन यह बयान अपने नियम को लागू करने के पार्टी के संकल्प की याद दिलाता है। बुधवार को सड़कों पर सैकड़ों गाड़ियां एवं बख्तरबंद वाहन खड़े रहे तथा पुलिस और अर्द्धसैन्य बलों ने लोगों के पहचान पत्रों की जांच की और तस्वीरों, प्रतिबंधित ऐप या अन्य संभावित सबूत की तलाश में लोगों के मोबाइल फोन खंगाले। पुलिस यह जांच कर रही थी कि लोगों ने प्रदर्शनों में भाग लिया था या नहीं। अभी यह नहीं पता चला है कि पुलिस ने प्रदर्शनों के दौरान कितने लोगों को हिरासत में लिया।
आयोग ने अपने अध्यक्ष चेन वेनकिंग की अध्यक्षता में सोमवार को हुए एक विस्तारित सत्र के बाद यह बयान जारी किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति शी चिनफिंग को महासचिव के तौर पर पांच साल का तीसरा कार्यकाल दिया गया। इसके साथ ही चिनफिंग के जीवनभर चीन का नेता बने रहने की संभावना भी बन गई। बयान में कहा गया है, ‘‘हमें शत्रुतापूर्ण ताकतों की घुसपैठ और विध्वंसक गतिविधियों पर कानून के अनुसार कड़ी कार्रवाई करनी होगी, सामाजिक व्यवस्था भंग करने वाले गैरकानूनी और आपराधिक कृत्यों पर कड़ी कार्रवाई करनी होगी तथा सामाजिक स्थिरता को प्रभावी रूप से बरकरार रखना होगा।’’
इस बीच, चीन में अमेरिका के राजूदत निकोलस बर्न्स ने बुधवार को कहा कि पाबंदियों के साथ ही अन्य चीजों ने हमारे राजनयिकों के लिए चीन में बंद अमेरिकी कैदियों से मुलाकात को असंभव बना दिया है। प्रदर्शनों पर बर्न्स ने कहा कि दूतावास इसकी प्रगति और सरकार की प्रतिक्रिया पर नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि चीनी लोगों के पास शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का अधिकार है।’’
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