दुर्गम जंगलों में रण कौशल के जौहर दिखायेंगे भारत और मलेशिया के सैनिक

नई दिल्ली। भारत और मलेशिया के सैनिक एक दूसरे के साथ सैन्य अभ्यास में करीब दो सप्ताह तक दुर्गम जंगलों में रण कौशल के जौहर दिखायेंगे और अपने अपने अच्छे अनुभवों तथा रणनीतियों को साझा करेंगे। दोनों सेनाओं के बीच सोमवार से संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘हरिमऊ शक्ति-2022’ मलेशिया के क्लांग स्थित पुलाई में शुरू हुआ जो 12 दिसम्बर तक चलेगा।
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यह वार्षिक प्रशिक्षण अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच 2012 से आयोजित किया जा रहा है। इस वर्ष इसमें सेना की गढ़वाल राइफल्स रेजिमेंट और मलेशियाई सेना की रॉयल मलय रेजिमेन्ट भाग ले रही हैं। सैन्य टुकड़ियां अभियानों में हासिल अनुभवों को एक दूसरे के साथ साझा करेंगी जिससे उन्हें दुर्गम वन क्षेत्रों में विभिन्न अभियानों की योजना बनाने लक्ष्य हासिल करने में समन्वय बढाने में मदद मिलेगी।
अभ्यास के दौरान वन क्षेत्रों में पारम्परिक अभियानों के लिए बटालियन स्तर की कमान प्लानिंग एक्सरसाइज़ (सीपीएक्स) और कंपनी स्तर की फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज़ (एफटीएक्स) भी की जाएगी।
संयुक्त अभ्यास में बटालियन स्तर पर रसद लाने ले जाने की योजना बनाने के अलावा एक संयुक्त कमांड पोस्ट, संयुक्त निगरानी केंद्र की स्थापना, हवाई संसाधन विशेषज्ञता, तकनीकी प्रदर्शन, दुर्घटना प्रबंधन और हताहतों को सुरक्षित निकालना शामिल है।
संयुक्त फील्ड ट्रेनिंग एक्सरसाइज़, संयुक्त युद्ध चर्चा और संयुक्त प्रदर्शन दो दिवसीय अभ्यास के साथ समाप्त होंगे। इनमें सामरिक कौशल बढ़ाने, बलों के बीच अंतर-संचालन क्षमता बढ़ाने और सेना से सेना के संबंधों को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जाएगा। ‘हरिमऊ शक्ति अभ्यास’ से दोनों सेनाओं के बीच रक्षा सहयोग बढाने में मदद मिलेगी जिससे द्विपक्षीय संबंध और मजबूत बनेंगे।
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