All Is Not Well! सुवेंदु अधिकारी ने किया WB के नए राज्यपाल के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार
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सुवेंदु अधिकारी ने कहा, अभद्र राजनीति का एक शर्मनाक उदाहरण पेश किया गया है, नेता प्रतिपक्ष का बैठने का स्थान विधायक कृष्णा कल्याणी और बिस्वजीत दास के साथ बनाया गया है जो जल्द ही अयोग्य घोषित होने वाले हैं।
कोलकाता। पश्चिम बंगल के विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) ने बुधवार को नए राज्यपाल सी वी आनंद बोस के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार कर दिया। सुवेंदु अधिकारी ने यह फैसला समारोह में उनके स्थान को लेकर किया क्योंकि उन्हें ऐसे विधायकों के बीच में जगह दी गयी जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर जीते थे और बाद में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) में शामिल हो गए। सुवेंदु अधिकारी भाजपा विधायक दल के नेता भी हैं।
उन्होंने कहा, मैं समारोह में उपस्थित नहीं रहूंगा क्योंकि मेरे लिए विवादास्पद लोगों के साथ बैठना संभव नहीं है। नंदीग्राम में तृणमूल प्रमुख व मुख्यमंत्री को हरा कर विधायक बने सुवेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, मैं राज्यपाल से उनकी सुविधानुसार मुझे अलग से मिलने का समय देने का आग्रह करता हूं। वह अगर मुझे आज मिलने के लिए कहते हैं तो मैं तैयार हूं।
Heartiest Congratulations to Dr CV Ananda Bose as he takes oath as the Governor of West Bengal.
— Suvendu Adhikari • শুভেন্দু অধিকারী (@SuvenduWB) November 23, 2022
The Information & Cultural Affairs Dept; WB Govt has made the arrangements for the oath taking ceremony.
Seating arrangements as per the Minister in Charge @MamataOfficial's whim: pic.twitter.com/ovbTMqGsif
पूर्व अधिकारी और केरल कैडर के वर्ष 1977 के आईएएस सी वी आनंद बोस ने राजभवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके कुछ कैबिनेट मंत्रियों की उपस्थिति में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की शपथ ली।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, अभद्र राजनीति का एक शर्मनाक उदाहरण पेश किया गया है, नेता प्रतिपक्ष का बैठने का स्थान विधायक कृष्णा कल्याणी और बिस्वजीत दास के साथ बनाया गया है जो जल्द ही अयोग्य घोषित होने वाले हैं। दोनों विधायक भाजपा के टिकट पर चुने गए और बाद में टीएमसी में चले गए जिसके लिए उनके खिलाफ दल-बदल विरोधी कार्यवाही की जा रही है।
सुवेंदु अधिकारी ने अपने सोशल मीडिया पर कृष्णा कल्याणी और बिस्वजीत दास की अलग-अलग दो तस्वीरें भी डालीं हैं जिसमें वे राज्य के तत्कालीन वाणिज्य मंत्री पार्थ चटर्जी की उपस्थिति में शामिल होने के दौरान टीएमसी का झंडा पकड़े हुए हैं। पार्थ चटर्जी को सरकारी विद्यालयों शिक्षकों की कथित रूप से अवैध भर्ती के आरोप में गिरफ्तार किया गया था जो अभी न्यायिक हिरासत में हैं।
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